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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 790 क्रम साध्वी नाम 22. श्री गुलाबकंवरजी 23. O 24. O 25. O श्री पेपकंवरजी 26. O श्री नानूकंवरजी 27. O श्री पानकंवरजी 28. O श्री लाडकंवरजी 29. O श्री धापूकंवरजी 30. श्री कंचनकंवरजी 31. श्री बदामकंवरजी 32. O श्री सूरजकंवरजी 33. O श्री भंवरकंवरजी श्री कूलकंवरजी 34. श्री धापूकंवरजी श्री कंकूजी O 35. संपतकंवरजी 36. O श्री सायरकंवरजी 37. श्री नगीनाजी 38. O श्री आणंदकवरजी 39. 0 श्री गुलाबकंवरजी 40. O श्री कस्तूरकंवरजी 41. O श्री सायकंवरजी 42. O श्री चांदकवरजी 43. O श्री इन्द्रकंवरजी जन्म संवत् स्थान पिता का नाम गोत्र रिखबचंदजी मेहता जावरा - भीनासर देवगढ़ 1976 बीकानेर 1984 देशनोक भीनासर - बीकानेर -दांता अलीगढ़ *ब्यावर 1978 रिंगनोद 1988 बीकानेर कुस्तला - वासनी 1995 देशनोक 1982 उदयपुर 1965 कुकड़ेश्वर रंगलालजी पटवा रंगलालजी पोखरना 1981 ब्यावर 1981 बीकानेर - बीकानेर सोहनलालजी कोठारी किशनलालजी बोथरा 1980 जावरा मिश्रीलालजी बोहरा 1983 केशरी सिंह शेषमलजी गांधी दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान 1997 पोष शु. 2 दौलतराम गुलगुलिया लक्ष्मीचंदजी दुगड़ पन्नालालजी धर्मावत हजारीमलजी बोहरा मिश्रीलालजी गुलेछा डूंगरमलजी डागा हनुमानमल बच्छावत 1998 भा. कृ. 11 1998 मू. शु. 6 लाभचंदजी रामपुरिया 1999 माघ शु. 5 लाभचंदजी बडेर चै. 2000 कृ. 10 मोडीलालजी पोखरना 2001 . शु 13 मोतीलालजी पोखाल 2001 वै.शु. 2 *मिश्रीमलजी डोसी राजमलजी पगारिया मंगलचंदजी सोनावत बजरंगलालजी पोखाल 1999 ज्ये. कृ. 7 1999 आसा. शु. 3 2001 मृ 12 2002 मा. शु. 13 2003 वै. कृ. 10 2003 चे. शु. 9 2003 आसा. कृ. 10 2004 चे शु. 2 2004 म. शु. 5 2005 चै. शु 13 2006 मा. शु. 1 2007 पो. कृ. 9 2007 ज्ये, शु, 5 2008. कृ. 8 2009 चै. कृ. 5 1 भीनासर देवगढ़ बीकानेर देशनोक देशनोक बीकानेर भीलवाड़ा बिरमावल बीकानेर सवाईमाधेपुर ब्यावर राणावास राणावास देशनोक उदयपुर खाचरोद ब्यावर बीकानेर विशेष विवरण अत्यधिक स्वाध्याय प्रेमी खड़ी रहकर लंबे समय तक स्वाध्याय करती हैं। मंदसौर में स्थिरवास। आपके पति खींचन संप्रदाय में दीक्षित हुए। स्पष्टभाषिणी तपस्विनी हैं, पुत्र ममत्व का त्याग कर दीक्षा ली, ब्यावर में स्थिरवास कर्मठ सेवाभाविनी प्रमुख सलाहकार, शासन प्रभाविका महान शासन प्रभाविका थीं। शास्त्रज्ञा, भीनासर से. 2032 में स्वर्ग सं. 2046 ब्यावर में स्वर्गस्थ आ. श्री नानेशजी की सहोदरा हैं। ऋजुमना बीकानेर में स्थिरवास। विदुषी व्याख्यात्री शासन प्रभाविका हैं, पति भी दीक्षित है। सेवाभाविनी स्तोक की ज्ञाता थीं। सरलमना साध्वी रत्ना हैं। विदुषी मिलनसार व्याख्यात्री साध्वी रत्ना हैं। मधुरकंठी, रोचकशैली में व्याख्यान कर धर्म की महती प्रभावना कर रही है। शांत स्वभावी, विदुषी व्याख्यानकत्री सरल स्वभावी मिलनसार व्याख्यात्री शासन प्रभाविका जी का गुड़ा स. 2042 ब्यावर में स्वर्गस्थ सं. 2040 बीकानेर में स्वर्गस्थ सरलस्वभाविनी, सेवाभाविनी, शासनप्रभाविका सरल स्वभाविनी साधनाप्रिय अच्छी विदुषी शासनप्रभाविका साध्वी रत्ना शान्तप्रिय तत्वज्ञा महासाध्वी हिंदी संस्कृत प्राकृत की ज्ञाता, शास्त्रों की तलस्पर्शी अध्येता, व्याख्यात्री जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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