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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 791 क्रम 44. O 45. O साध्वी नाम श्री पानकंवरजी श्री सूरजकंवरजी 46. श्री उगमकंवरजी 47. O श्री बदामकंवरजी 48. O श्री सुमतिकंवरजी 49. श्री इचरजकंवरजी 50. O श्री वल्लभकंवरजी 51. O श्री चन्द्रकंवरजी 52. O श्री सरदारकंवरजी 53. O श्री शांताकंवरजी 54. O श्री रोशनकंवरजी 55. O श्री रोशनकंवरजी 56. O श्री धीरजकंवरजी 57. 4 श्री अनोखाजी 58. O श्री नंदकंवरजी 59. O श्री गुलाबकंवरजी 60. O श्री कमलाजी 61. O श्री झमकूजी 62. 4 श्री सूर्यकान्ताजी जन्म संवत् स्थान बीकानेर बगड़ी (म.प्र.) 1981 मेड़तासिटी 1992 प्रत् 1994 बीकानेर देशनोक 1972 रामपुरा 1986 अजमेर 1997 उदयपुर 1993 बड़ी सादड़ी 1988 उदयपुर 1993 भदेसर 1997 उदयपुर 2003 बड़ीसादड़ी 1960 रतलाम 2003 कानोड़ 1971 उदयपुर 2000 उदयपुर पिता का नाम गोत्र राजमलजी बोथरा नथमलजी धाड़ीवाल रंगलालजी डोसी सूरजमलजी कोठारी गुणचंदजी सेठिया फसराजजी बाठिया बुधमलजी छल्लाणी रतनलालजी छाकड़ कस्तूरचंदजी सेठिया ख्यालीलालजी बाफना गोटीलालजी कोठारी मनोहरसिंहजी हिरण कजोड़ीमलजी हिंगड़ दीक्षा संवत् तिथि 2009 ज्ये. कृ. 6 2009 आसो. शु. 4 भैरूलालजी नंदावत चंदनमलजी धर्मावत चंदनमलजी धर्मावत 2010 - 2010 ज्ये. कृ. 3 2011 वै. शु. 5 2013 आसो. शु. 10 2013 मृ शु 11 2014 फा. शु. 3 2015 2015 वै. शु. 6 2016 ज्ये, शु. 11 2018 वै.शु. 8 2017 आ. शु. 15 2016 भा. कृ. 8 बख्तावरमल तलेसरा भूरालालजी निमावत मोतीलाल चंडालिया 2017 2016 का. कृ. 8 2016 . कृ. 10 2016 का. शु. 13 2019 वै. शु. 7 2019 वे शु. 7 दीक्षा स्थान बीकानेर उदयपुर बीकानेर भीनासर गोगालाव भीनासर कुकड़ेश्वर उदयपुर उदयपुर बड़ीसादड़ी कानोड़ उदयपुर उदयपुर छोटी सादड़ी उदयपुर प्रतापगढ़ उदयपुर उदयपुर विशेष विवरण स्वाध्याय प्रेमी, मंदसौर में स्थिरवास संस्कृत प्राकृत व शास्त्रों की गहन ज्ञाता थीं, भाई भाभी भी दीक्षित हुए ब्यावर में स्वर्गस्थ 2042 ब्यावर में स्वर्गवास मिलनसार, शासन समर्पिता विदुषी अच्छी विदुषी व्याख्यात्री मां. जेठुती, नणदोई भी दीक्षित सेवाभावी तपस्विनी साध्वीरना भीनासर में 72 दिन के संधारे के साथ सं. 2042 श्री. शु. 10 को स्वर्गस्था सरलस्वभावी सेवाभाविनी विदुषी मिलनसार शासन प्रभाविका सेवाभाविनी मिलनसार सेवाभाविनी विदुषी शासन प्रभाविका सरल मिलनसार साध्वी थीं, सं. 2041 रतलाम में स्वर्गस्थ महाविदुषी, गंभीर, आत्मबली शासन पति से आज्ञा लेकर दीक्षित हुई सेवाभाविनी, व्याख्यात्री गृहस्थावस्था में ही अनेक बहिनों व साध्वियों को शास्त्रज्ञान करवाया वृद्धावस्था में भी खूब तपस्या व प्रभावना कर सं. 2031 उदयपुर में स्वर्गस्थ मिलनसार, शासन प्रभाविका विदुषी व्याख्यात्री, सुदूर दक्षिण में धर्म प्रभावना की। तपस्विनी अनेक मासखमण, सरल स्वभाविनी, विद्वदवर्य श्री शांतिमुनि जी की चाचीजी । स्थानकवासी परम्परा की श्रमणियाँ
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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