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________________ जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास 6.7.68 आर्या हरकुंवर (18वीं सदी) इन्होंने 'ठाणांग सूत्र' मरूगुर्जर अनुवाद सह लिखा। ग्रंथाग्र 700 श्लोक से अधिक है। पत्र सं. 194 है, प्रति सुशीलमुनि आश्रम दिल्ली के भंडार में है। आर्या हरकुंवरजी ने अपनी गुरूणी-परम्परा अंत में दी है- आर्या नानाजी, आर्या नंदजी, आर्या हीरांजी, आर्या चनांजी, आर्या हरूकंवर। 6.7.69 आर्या लालो (सं. 1800) समयसुंदरकृत 'नलदमयंती रास' (रचनां सं. 1673) की प्रतिलिपि सं. 1800 में समाना नगर में आर्या लालोजी ने की। प्रति बी. एल. इन्स्टी. दि. (परि. 918) में श्रेष्ठ स्थिति में है। 6.7.70 आर्या फत्तु (सं. 1800) सं. 1800 भाद्रपद शु. 7 'जांबवती की चौपाई' साध्वी खुशालांजी की शिष्या फत्तु ने प्रतिलिपि की। प्रति आ. सुशीलमुनि आश्रम नई दिल्ली में है। 6.7.71 आर्या दाया (सं. 1801) आचारांगसूत्र की सं. 1801 की प्रतिलिपि में प्रतिलिपिकर्ता के रूप में आर्या दाया का नामोल्लेख है। प्रति सुशीलमुनि आश्रम में कीटभक्षित रूप में अवस्थित है। 6.7.72 आर्या कुसलांजी (सं. 1801) सं. 1801 में आपने 'राजप्रश्नीय सूत्र सस्तबक' मरूगुर्जर भाषा में लिखा। प्रति बी. एल. इन्स्टीट्यूट दिल्ली (परि. 1504) में है। 6.7.73 आर्या म्हाकंवर (सं. 1802) पूज्य श्री मनजी की शिष्या म्हाकंवरजी ने सं. 1802 आसाढ़ शु. 5 सोमवार को जयपुर में 'दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र' की प्रतिलिपि की। पश्चात् आर्या रायकवरी के दस्तखत करवाकर सं. 1850 में आर्या रत्तां को दिया। साध्वीजी की लिपि अति सुंदर है। प्रति आचार्य सुशीलमुनि आश्रम नई दिल्ली में है। 6.7.74 आर्या मीमी (सं. 1803) सं. 1803 चैत्र शु. 10 सोमवार को आर्या नान्हीजी की शिष्या आनंदाजी उनकी शिष्या हरकंवरजी उनकी शिष्या 'मीमी' ने 'निशीथ सूत्र' की प्रतिलिपि की। प्रति सुशील मुनि आश्रम नई दिल्ली में है। 6.7.75 आर्या रतनां (सं. 1805) सं. 1805 श्रावण कृ. 6 मंगलवार को श्री फूलोजी की शिष्या आर्या रतना ने नागोर में 'जीवाभिगम सूत्र' की प्रतिलिपि लिखकर पूर्ण की, यह प्रति मलयगिरि टीका के अनुसार लिखी गई है। आचार्य सुशीलमुनि आश्रम नई दिल्ली में प्रति उपलब्ध है। 700 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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