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________________ 6.5.2.68 श्री अभिज्ञाबाई (सं. 2037 से वर्तमान) आप बरवाला के श्री ताराचंदजी नीमजीभाई की कन्या हैं। आपने बरवाला में ही ज्येष्ठ कृ. 1 को सादगी से दीक्षा ग्रहण की। आपने भी पाथर्डी बोर्ड की परीक्षाएँ देकर विशेष योग्यता अर्जित की, आप प्रवचन प्रभाविका हैं। 6.5.2.69 श्री सुज्ञाबाई (सं. 2038 से वर्तमान) आप लींबड़ी निवासी श्री रसिकलाल चुनीलाल दोशी की पुत्री हैं। मृगशिर कृ. 3 को लींबड़ी में आपकी दीक्षा हुई। आप गंभीर शांत व संयमनिष्ठ हैं। 6.5.2.70 श्री कीर्तनाबाई (सं. 2038 से वर्तमान ) आप ध्रांगधा के कनैयालाल चुनीलालजी की आत्मजा हैं। माघ शु. 13 को ध्रांगध्रा में आप दीक्षित हुईं। सेवाभाविनी हँसमुख साध्वी हैं। जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास 6.5.2.71 श्री ज्योतिबाई (सं. 2038 से वर्तमान ) आप नराडी निवासी श्री जयंतिलाल माता विमलाबेन की पुत्री हैं। वैशाख शु. 2 को ध्रांगध्रा में दीक्षा हुई। आपकी बुद्धि तीव्र है, अनेक स्तोक-शास्त्र आदि कंठस्थ हैं। 6.5.2.72 श्री रोहिणीबाई (सं. 2039 - स्वर्गस्थ ) आप मेंगणी निवासी वर्तमान में अमदाबाद के श्री जयसुखलाल प्रेमचंद की आत्मजा हैं। कार्तिक कृ. 8 को अमदाबाद में दीक्षा ग्रहण की। आप शांत सरल व स्वाध्याय प्रेमी हैं। 6.5.2.73 श्री निधिबाई (सं. 2039 से वर्तमान) आप वढवाण के श्री रमणिकलालजी की सुपुत्री हैं, वढवाण में ही वैशाख शु. 11 को आप प्रव्रज्या के पंथ पर चलीं। आपने दो वर्ष में ही 16 सूत्र कंठस्थ किये, तपस्या भी छोटी-मोटी कई की हैं, मधुरभाषिणी हैं। 6.5.2.74 श्री अनुज्ञाबाई (सं. 2039 से वर्तमान ) आप वांकानेर के श्री छोटालाल डाह्यालाल की सुपुत्री हैं। वढवाण में वैशाख कृ. 5 के दिन श्री लीलावती बाई स्वामी के मुखारविंद से अंतिम दीक्षा का पाठ पढ़कर आप प्रव्रजित हुईं। आपकी दीक्षा के एक मास पश्चात् वे स्वर्गवासिनी हो गईं। आपकी अध्ययन-अध्यापन की रूचि अच्छी है। 6.5.2.75 श्री परागिनीबाई (सं. 2039 से वर्तमान) आप मुंबई निवासी प्रभुदास मणिलाल की सुपुत्री हैं। दीक्षा के लिये दस-दस वर्ष तक संघर्ष करने के पश्चात् असाढ़ शु. 6 को सुरेन्द्रनगर में आपकी दीक्षा हुई। संयम व तप की साधना में आप निरंतर अग्रसर हैं। Jain Education International 634 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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