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स्थानकवासी परम्परा की श्रमणियाँ
6.5.2.76 श्री नंदिताबाई (सं. 2040 से वर्तमान)
___ आप 'झोबाला' के श्री अमृतलालजी की पुत्री हैं। पोष कृ. 6 को सुरेन्द्रनगर में आपकी दीक्षा हुई। आप तपस्विनी हैं, 16 उपवास की तपस्या की है। 6.5.2.77 श्री अक्षिताबाई (सं. 2040 से वर्तमान)
आप सुरेन्द्रनगर के श्री चंदुलाल देवशीभाई की पुत्री हैं। अमदाबाद में माघ शु. 5 को आपकी दीक्षा हुई। आप सेवाभाविनी, स्वाध्यायी साध्वी हैं। आठ तक की तपस्या की है। 6.5.2.78 श्री कृपालीबाई (सं. 2040)
आप विरमगाम के श्री नगीनभाई गोपाणी की पुत्री हैं। वैशाख शु. 5 को विरमगाम में आप दीक्षित हुईं। आप मिलनसार संयमनिष्ठ साध्वी हैं। 6.5.2.79 श्री निरालीबाई (सं. 2040)
आप जोरावरनगर के श्री दलसुखभाई की सुपुत्री हैं। वैशाख शु. 5 को विरमगाम में आपकी दीक्षा हुई। आप मितभाषिणी हैं। 6.5.2.80 श्री अरूणाबाई (सं. 2040)
आप 'मोटी वावडी' निवासी अमीचंद ठाकरशी की सुपुत्री हैं। वैशाख शु. 13 को सुरेन्द्रनगर में आपकी दीक्षा हुई। आपने अनेक शेर-शायरियाँ रची हैं। 6.5.2.81 श्री हितस्विनीबाई (सं. 2041)
आप 'पालियाद' ग्राम के श्री हीराचंदभाई की कन्या हैं अमदाबाद में मृगशिर शु. 3 को आपने दीक्षा ली। आप अध्ययनशीला साध्वी हैं। 6.5.2.82 श्री कल्पज्ञाबाई (सं. 2041) ___आप विरमगाम के श्री प्राणलाल चुनीलालजी की सुपुत्री हैं। मृगशिर कृ. 1 को अमदाबाद में दीक्षा अंगीकार की। आप सौम्य प्रकृति की सुसंस्कारी साध्वी हैं। 6.5.2.83 श्री परिज्ञाबाई (सं. 2041)276
आप वांकानेर के श्री वनेचंदभाई दोशी की आत्मजा हैं। अमदाबाद में मृगशिर कृ. 1 को आपने दीक्षा अंगीकार की आप भद्रप्रकृति की हैं, अनेक आगम मुखपाठ हैं। 6.5.2.84 श्री भाविज्ञाबाई (सं. 2041)
आप 'चोटिला' के श्री अरविंदभाई की कन्या हैं। फाल्गुन शु. 5 को जोरावरनगर में आपकी दीक्षा हुई। आपका स्वर मधुर है, संयम व साधना में सतत गतिशील हैं। 276. दीक्षा संवत् 2030 लिखा है, किंतु 82वां पुष्प होने के क्रम में इनकी दीक्षा सं. 2041 उचित लगती है-विश्रांति नो वडलो.
पृ. 270
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