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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 505 क्रम साध्वी नाम 13. 4 श्री गुणरत्नज्ञाश्री 14. श्री दिव्यपूर्णा श्री 15. 4 दिव्यप्रज्ञाश्रीजी 16. O वीर्यधर्माश्रीजी 17. दिव्यांगनाश्रीजी 18. 19. धर्मोदया श्रीजी गुलाब श्रीजी जन्म संवत् स्थान 2002 बेणप 2004 बेणप 'अमदाबाद सूरत कपड़वंज 1958 पिता का नाम दीक्षा संवत् तिथि खोड़ीदासभाई 2027 पो. शु. 6 भुराभाई भुराभाई पतिजगत्चंद्रसागर रतिभाई ओच्छवलाल भाई केशवलाल भाई 2027 मा. शु. 5 2027 मा. शु. 5 2040 वै. कृ. 10 1982 दीक्षा स्थान बेणप(बनास कांठा) बेणप मलयाश्रीजी श्रीमनहर श्रीजी चतुरश्रीजी गुरूणी शुभोदयाजी चारूशीलाश्री जिनधर्माश्रीजी विशेष विवरण पालीताणा 11 अठाई, मासखमण, वर्षीतप आदि उग्रतपस्या, वर्धमान तप की ओली व अनेक अम चारूशीलाश्रीजी मासखमण, 10, 11, 16 उपवास, 2 अठाई, वर्धमान तप की 42 ओली, नवपद ओली आदि तप, गहन अभ्यासी, धर्मवत्सला दो अठाई, 16, सिद्धितप, वर्षीतप, समवसरण तप, नवपद ओली, वर्धमान तप की 42 ओली आदि विविध तप। शांत, सौम्य, सरल। ट्रक दुर्घटना में संवत् 2046 में अपूर्व समता के साथ पंडितमरण गहन अध्येता, तप- नवपद ओलियां, वर्धमान तप की 26 ओली, सिद्धितप अठाई, ज्ञान पांचम, पोष दशमी आदि तप, विदुषी साध्वी रत्ना । अपनी चार पुत्रियों की संयम- प्रेरिका तप - मासक्षमण, सिद्धितप, 14 अठाई, वर्धमान तप की लुणीकच्छ 48 ओली, संतव् 2029 जोरावरनगर में दिवंगत | -संकेत चिन्ह पतिवियोग ० सुहागिन 4 बालब्रह्मचारिणी ⭑ श्वसुरपक्ष श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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