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क्रम | साध्वी नाम | जन्म संवत् स्थान ! पिता का नाम दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान
गुरूणी
विशेष विवरण
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श्री सुशीमाश्रीजी - हलवद चुनीलाल 2007 का. कृ. 6 | सुरेन्द्रनगर श्री नरेन्द्र श्रीजी | ग्रहण, धारण व स्मरणशक्ति
अद्भुत, वर्धमान तप की 100 ओली संपूर्ण, द्वितीय बार 18 ओली, मासक्षमण, सोलह, बीसस्थानक, सिद्धितप,छट से वर्षीतप, शिष्याएँकल्पबोधश्री, भव्यदर्शिताश्री, सुप्रज्ञा
श्री, दिव्यदर्शिताश्री श्री शमदमाश्रीजी -
2007
श्री मलयाश्री तपोमूर्ति 10,11,16 उपवास,
सिद्धितप, रत्नपावड़ी, व दिवाली के बेले, अखंड अक्षयनिधि, कोलिया तप, दीपक तप, सिद्धाचल के बेले, वर्धमान तप की ओली प्रखर परिवाजिका, दो शिष्या-तत्त्व
त्रयाश्री, तत्त्वगुणाश्री कमलप्रभाश्रीजी | - मालवा सौभाग्यमलजी | 2009 म. शु. 15 | पालीताणा |श्री इन्दुश्रीजी घोरतपी-वर्षीतप, बीसस्थानक,
पार्श्वनाथ के 108 तेले, महावीर स्वामी के 229 बेले, 12 तेले, सिद्धितप, 16, अठाई 6, नवकार तप, मेरूतप, भद्र महाभद्र, श्रेणी, वर्ग, दान, कर्मसूदन तथा सहस्रकूट आदि तप, 250, 500, 700 आयंबिल, 1176 सलंग आयंबिल, वर्धमान तप की 100 ओली, चौविहार 8 से 99 यात्रा। संवत्
2045 समाधिमरण श्री चारूशीलाश्री| 1994 बनासकांठा | भुराभाई | 2016 वै.शु. 4 | बनासकांठा | श्री प्रगुणाश्री धर्मग्रंथों के गहन अभ्यासी,8,9, 10,
11,12,14,15,16 उपवास, वर्धमान तप की 48 ओली। संवत् 2043 सूरत में स्वर्गस्था शिष्याएँ- दिव्यपूर्णाश्री, दिव्यप्रज्ञाश्री, दिव्यांगनाश्रीजी।
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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
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