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श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ
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क्रम | साध्वी नाम जन्म संवत् स्थान| पिता का नाम | दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | गुरूणी विशेष विवरण 4. श्री हिरण्यश्रीजी | 1984 रतलाम | केशरीमलजी | 2002 ज्ये. कृ.4
श्री इन्दुश्रीजी तप-मासखमण, कर्मसूदन, समव
सरण, वर्षीतप,यावज्जीवन नवपद ओली, वर्धमान तप की 54 ओली, चत्तारि अट्टदस दोय तप। शिष्या परिवार-मदनरेखाश्री, सुभाषिताश्री, विश्वविदाश्री, शीलरेखाश्री-मुक्ति रेखाश्री सौम्यरेखाश्री, सुवर्षाश्री, सुहर्षाश्री,शमविदाश्री, अस्मिताश्री, सुचिताश्री, स्वर्गवास-72 वर्ष की
आयु में। 15. | श्री प्रगुणाश्रीजी | 1985 सुरेन्द्रनगर अमुलखभाई | 2003 मा. शु. 3 | सुरेन्द्रनगर | श्रीमलयाश्रीजी | धर्मग्रंथों की गूढ अध्येता, तार्किक
प्रज्ञा, संवत् 2039 वाराही ग्राम में दिवंगत, दो शिष्या-प्रशमशीला श्री,
चारूशीलाश्री, 21 प्रशिष्या। 16. D|श्री धर्मानंदाश्रीजी 1961 जामनगर खुशालभाई | 2004 वै.कृ. 3 | जामनगर श्री सुरप्रभाश्रीजी| धर्मग्रंथों का तलस्पर्शी अध्ययन,
सिद्धितप, 16 उपवास, वर्धमान तप की 65 ओली, चातुर्मासिक आयंबिल, इन्द्रियजय, कषायजय, 20 स्थानक, पखवाड़ा तप। संवत् 2041 पालिताणां में स्वर्गस्था मोक्षा
नंदश्री एवं हर्षवर्धनाश्री शिष्याएँ हुईं। 7. - | श्री नरेन्द्रश्रीजी | -सुरेन्द्रनगर | अमुलखभाई | 2005 ज्ये. शु. 2 | सुरेन्द्रनगर | श्री मलयाश्रीजी | उत्कृष्ट संयमाराधन, 32 वर्ष संयम
पालन। शिष्या-सुशीमाश्री, शीलपूर्णाश्री, महापूर्णाश्री, शमितपूर्णाश्री,
समकितपूर्णाश्री। 8. |श्री मृदुताश्रीजी । - सुरत
मास्तर 2006 अषा. शु.5
श्री प्रवीणश्रीजी | मृदु, मधुरभाषिणी,मासखमण तपानानालाल
राधिका, दो शिष्याएँ-विद्वत्ताश्री व रूचिताश्री
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