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श्वेताम्बर - परम्परा की श्रमणियाँ
5.8.42 साध्वी श्री वकत्तु (संवत् 1676 )
'जिनभद्रसूरि कागळ नो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार' में संवत् 1976 का भगवती सूत्र, लिपिकृत है उसमें वकत्तु साध्वी के नाम का उल्लेख है। 26
5.8.43 साध्वी श्री वा (मा) णबाई (संवत् 1696 )
आंचलगच्छ के मूलावाचक की कृति 'गजसुकुमाल चौपाई' (संवत् 1624 ) की प्रतिलिपि उक्त साध्वीजी के पठनार्थ संवत् 1696 में तैयार की गई । प्रति कलकत्ता संस्कृत केटेलोग, वोल्यूम 10 ( नं. 98, नं. 206-7 ) में है 1627
5.8.44 साध्वी श्री वाहला ( संवत् 1696 )
इनके पठनार्थ 'नेमिराजुल लेख चौपाई' (संवत् 1684) विद्याविजय रचित संवत् 1696 को आगरा में तैयार की। प्रति जिनचारित्रसूरि संग्रह (पो. 83 नं. 2162 ) में है। 628
5.8.45 साध्वी श्री हेमी (17वीं सदी)
उपकेशगच्छ के विनयसमुद्रसूरि रचित 'शत्रुंजय स्तवन' थंभण पार्श्वस्तवन, पार्श्व दस भव स्तवन (संवत् 1583 के आसपास) साध्वी हेमी के पठनार्थ तैयार की गई प्रप्ति 17वीं सदी की है। प्रति मोतीचंद खजानची संग्रह में है। 029
5.8.46 साध्वी श्री मानलक्ष्मी ( 17वीं सदी)
तपागच्छीय श्री लावण्यसमय रचित 'नव पल्लव पार्श्वनाथ स्तवन' (संवत् 1558) की प्रतिलिपि साध्वी मानलक्ष्मी को पठनार्थ दी गई। यह प्रति मुनि पुण्यविजयजी संग्रह एल. डी. विद्यामंदिर अमदाबाद ( नं. 1978) में है 10630
5.8.47 साध्वी श्री रत्नसुंदरी ( 17वीं सदी)
श्री सुधर्मरूचि रचित 'आषाढ़भूति मुनि चौपई' श्री ज्ञानसोम ने रत्नसुंदरी के पठनार्थ लिपि की 31
5.8.48 आर्या श्री सोमा ( संवत् 1709 )
श्री समरचंद शिष्य नारायण की श्रेणिकरास दो खंड श्रीमाली ज्ञाती शाह आणंदजी की बहिन आर्या श्री
626. जैसल. ग्रं. सू. परि. 13 पृ.606 627. जै. गु. क. भाग 2, पृ. 137
628. जै. गु. क. 3, पृ. 259
629. जै. गु. क. भाग 1, पृ.449
630. जै. गु. क. भाग 1, पृ. 169
631. राजस्थानी हिंदी हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग 4,
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