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________________ जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास 5.8.35 साध्वी श्री प्रतापश्री (संवत् 1619) अकबर जलालुद्दीन के राज्य में श्री अंचलगच्छीय उपाध्याय भानुलब्धि ने संवत् 1619. को मेवात मंडल के तिजारा नगर में साध्वी चन्द्रलक्ष्मी की शिष्या प्रतापश्री को 'ज्ञानपंचमी कथा' लिखकर पठनार्थ प्रदान की। यह प्रति श्री कांतिविजय शास्त्र संग्रह, वडोदरा में है।19 5.8.36 साध्वी श्री सहिज श्री (संवत् 1629) संवत् 1629 आश्विन शु. 12 गुरूवार को पं. श्री श्री देवविजयजी ने अपनी शिष्या साध्वी सहिजश्री के पठनार्थ 'श्री रायपसेणी सूत्रम्' लिखा। यह प्रति जैन संघ ज्ञान भंडार सीनोर में है।620 5.8.37 साध्वी श्री हंसलक्ष्मी (संवत् 1629) ऋषि सोमजी ने संवत् 1629 श्रा. शु. 5 रविवार को आशापल्ली में 'महीपाल नो रास' की प्रतिलिपि कर श्री हंसलक्ष्मी को पढ़ने के लिये दी। यह प्रति सीमंधर स्वामी भंडार सूरत में है। 21 5.8.38 प्रवर्तिनी श्री सत्यलक्ष्मी (संवत् 1637) __ऋषि सोमा ने संवत् 1637 में तपागच्छीय सुमतिमुनि रचित (संवत् 1601) की 'अगडदत्तरास' की प्रतिलिपि छकड़ी पाटक में गणिनी सत्यलक्ष्मी के वाचनार्थ दी। प्रति लिंबड़ी भंडार में है।622 5.8.39 साध्वी श्री सौभाग्यमाला (संवत् 1648) ___पंडित सुमतिसुंदर ने संवत् 1648 माघ शु. 2 सोमवार को नायल नागेन्द्रगच्छ के श्री ज्ञानसागर रचित 'सिद्धचक्ररास' (संवत् 1531) की प्रतिलिपि साध्वी सौभाग्यमाला को पठनार्थ दी।623 5.8.40 साध्वी श्री सूरश्री (संवत् 1663) बृहत्तपागच्छीय श्री पार्श्वचन्द्रसूरि की '29 भावना' (संवत् 1601) को वाचक विमलहर्षगणि जसविजय ने संवत् 1663 मृगशिर शु. 9 को लिखकर सूरश्री के पठनार्थ दी। यह प्रति हालाभाई मगनभाई पाटण भंडार (दाबड़ो 48) में है।624 5.8.41 साध्वी श्री नाथी (संवत् 1669) शुभवर्धनशिष्य रचित 'गजसुकुमाल ऋषि रास' (रचना संवत् 1591) को संवत् 1669 पोष शु. 3 मंगलवार को मेधा ने साध्वी नाथा के पठनार्थ लिखा। यह प्रति गुलाबविजय पंन्यास भंडार खंभात में है।625 619. श्री प्रशस्ति-संग्रह, प्रशस्ति 437, पृ. 115 620. श्री प्रशस्ति संग्रह, प्रशस्ति 417, पृ. 124 621. जै. गु. क., भाग 1, पृ. 219 622. जै. गु. क. भाग 2 623. जै. गु. क. भाग 1, पृ. 139 624. जै. गु. क. भाग 1 पृ. 302 625. जै. गु. क. भाग 1, पृ. 320 494 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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