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________________ श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ श्री विनयप्रभाश्रीजी गुरूणी, ज्ञानार्जन-प्रकरण, तीन भाष्य, दशवैकालिक, तपस्या - वर्षीतप, बीस स्थानक वर्धमान तप, 500 आयंबिल/06 5.3.11.22 श्री निर्मलाश्रीजी (संवत् 2004-स्वर्गस्थ) संवत् 1985 माणेकवाड़ा (सौराष्ट्र) में जन्म, पिता कोठारी गुलाबचंदजी तथा माता समरतबहन, पति ताराचंदजी थे। दीक्षा संवत् 2004 माघ मास अमदाबाद में ली। श्री महेन्द्रश्रीजी गुरूणी, अभ्यास-बृहद् संग्रहणी दशवैकालिक, वैराग्यशतक, संस्कृत आदि। तपस्या-अठाई, 9, 16 उपवास, चत्तारि अट्ठ दस दोय, दो सिद्धितप, 500 आयंबिल, प्रतिदिन बीयासणा।407 5.3.11.23 श्री सूर्यप्रभाश्रीजी (संवत् 2005-35) जन्म संवत् 1958 माता मोतीबाई, पिता हरखचंदजी, दीक्षा संवत् 2005 वैशाख कृष्णा 6 जामनगर। अध्ययन-छह कर्मग्रंथ, तीन भाष्य, चार प्रकरण, व्याकरण आदि। तप-नवपद ओली, 20 स्थानक चार चौबीसी, वर्धमान ओली। विहार-गुजरात, सौराष्ट्र, मारवाड़, महाराष्ट्र आदि। शिष्याएँ - तीन बनी, संवत् 2035 जामनगर में स्वर्गस्था408 5.3.11.24 श्री भद्राश्रीजी (संवत् 2007-37) ___ जन्म सरखेज, दीक्षा संवत् 2007 वैशाख कृष्णा 7 को 60 वर्ष की उम्र में, विहार-सौराष्ट्र, कच्छ, बनासकांठा, 90 वर्ष की उम्र में 30 वर्ष संयम पालकर संवत् 2037 अमदाबाद में समाधिमरण। शिष्याएँ - पद्मलताश्रीजी आदि शिष्या-प्रशिष्या आदि 17 का परिवार था।09 5.3.11.25 श्री सुदर्शनाश्रीजी (संवत् 2008- से वर्तमान) संवत् 1976 उदयपुर में जन्म, पिता प्रतापसिंहजी नलवाया माता सोवनबहन, संवत् 2008 फाल्गुन कृष्णा 11 चाणस्मा में, दीक्षा गुरूणी श्री विमलश्रीजी। दशवैकालिक, कर्मग्रन्थ, संग्रहणी आदि का अध्ययन, तपस्या-चत्तारि अट्ठ दस दोय, सिद्धितप, 16 उपवास, 96 जिन ओली, विजय के 170 उपवास आदि तप, मेवाड़, मालवा, गुजरात आदि में विचरण, शिष्याएँ-श्री चंद्रकलाश्रीजी, श्री कल्पलताश्रीजी संसार पक्ष से दोनों पुत्रियाँ हैं। 10 5.3.11.26 श्री कल्पलताश्रीजी (संवत् 2008 से वर्तमान) संवत् 1996 उदयपुर में जन्म लिया। पिता मोहनलालजी गन्ना माता सुगनबाई, संवत् 2008 फाल्गुन कृष्णा 11 चाणस्मा में दीक्षा हुई। श्री सुदर्शनाश्रीजी गुरूणी। ज्ञानार्जन-प्राकृत, संस्कृत, कर्मग्रंथ, तर्कसंग्रह आदि। 406. वही, पृ. 648 407, वही, पृ. 648 408. वही, पृ. 648 409. वही, पृ. 645 410. वही, पृ. 649 433 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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