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श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ
पूनम तप, कषायजय, कर्मसूदन, अक्षयनिधि, सीता तप, सौभाग्यसुंदर, बीस स्थानक, डेढमासी, धर्मचक्र, 99 यात्रा, छट्ठ से 7 यात्रा, स्वर्ग स्वस्तिक, जिनगुणसंपत्ति, कंठाभरण, शंखेश्वर तप, अंगविशुद्धि आदि।
5.3.8.5 श्री मित्तप्रभाश्रीजी
सिद्धितप चत्तारि, अठाई, 8, 9 उपवास, वर्धमान ओली, नवपद ओली, रत्नपावडी, पूनम, पांचम, दूज, ग्यारस, मेरूतेरस, दीपावली, शुद्धि तप, चौदपूर्व, वर्षीतप, सौभाग्यकल्पवृक्ष, सौभाग्यसुंदरी, कलंकनिवारण, गौतम कमल, 96 जिन ओली, नवनिधान, अष्टसिद्धि, स्वस्तिक, नवकार तप, षट्काय, शत्रुंजय, अष्ट प्रतिहार्य, 4, 5, 7 उपवास, मोक्षतप, अखंड 500 आयंबिल व एकासना क्षीरसमुद्र तप ।
5.3.8.6 श्री सौम्यरत्नाश्रीजी
सिद्धितप, कर्मप्रकृति, कल्याणक, चत्तारि, सीता तप, 14 पूर्व, 16, 4, 5, 11 उपवास, दूज, पांचम, दशम, ग्यारस, पूनम, क्षीरसमुद्र, पंचमहाव्रत, मेरूतप, 10 यतिधर्म, 1000 आयंबिल एकांतर, वर्धमान ओली 47, सौभाग्यसुंदरी, 20 स्थानक, नवपद ओली, शीतपावड़ी, दीपावली, शंखेश्वर, अंतरिक्ष, चंदनबाला, षट्कायरक्षक, रत्नत्रय, नवकार तप, अशोकवृक्ष, कषायजय, योगविशुद्धि, अंगविशुद्धि, गौतमकमल, स्वर्ग स्वस्तिक, शत्रुंजयमोदक, 14 पूर्व, सात सौख्य, सौभाग्यकल्पवृक्ष, 96 जिन ओली, अष्टप्रतिहार्य आदि ।
5.3.8.7 श्री लक्षिताश्रीजी
वर्षीतप 2 (एक छट्ठ से) मासक्षमण, 45, 18, 21, 20, 16, 11, 9, 8 उपवास, सिद्धितप, चत्तारि, महाव्रत तप, पंचमेरू, चंदनबाला, शंखेश्वर के अट्ठम, दूज, पंचमी, दशम, ग्यारस, पूनम, दीपक तप, सीता तप, गौतम कमल, स्वर्गस्वस्तिक, शत्रुंजय मोदक, नवपद ओली, वर्धमान ओली, दीपावली छट्ठ, 20 स्थानक, समवसरण, र्मचक्र, भद्रतप, श्रेणीतप, चौबीसजिन, अष्टमसिद्धितप, मेरूतेरस, छट्ठ से सात यात्रा, पर्युषण में छट्ट अट्टम आदि तप ।
5.3.8.8 श्री हेमगुणाश्रीजी
वर्धमान ओली 19, नवपद ओली, रत्नपावड़ी, दूज, पांचम, आठम, दशम, तेरस, ग्यारस तप, 11, 16, 20, 30, 45 उपवास, अट्टम अभिग्रह, सिद्धितप, मोक्षतप, शत्रुंजयमोदक, महाव्रत, मेरूतप, सीता तप, लब्धि 28 तप, 14 पूर्व, 24 तीर्थंकर तप, गौतम कमल, 20 स्थानक, धर्मचक्र, भद्रतप, श्रेणीतप, अंगविशुिद्धि, अष्टमसिद्धि, समवसरण, वर्षीतप स्वर्गस्वस्तिक आदि विविध तप ।
5.3.8.9 श्री चैतन्यरत्नाश्रीजी :
मासक्षमण, सिद्धितप, अठाई, वर्षीतप, वर्धमान ओली 10, नवपद ओली, पांचम, दशम, ग्यारस आदि ।
5.3.8.10 श्री प्रशमप्रभाश्रीजी ( संवत् 2017-47 )
घाणेराव (राजस्थान) निवासी शेठश्री जीवराजजी इनके पिता एवं सुनीबहेन माता थी, सादड़ी के श्री गंगारामजी के साथ ये परिणय सूत्र में बंधी । संवत् 2017 फाल्गुन कृष्णा 7 के दिन सादड़ी में दीक्षा अंगीकार
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