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________________ श्वेताम्बर परम्परा की श्रमणियाँ अपूर्व नंदिताश्रीजी तत्त्वशीलाश्रीजी जिनदर्शिताश्रीजी हर्षितवदनाश्रीजी नयगुणाश्रीजी जितेन्द्र श्रीजी प्रशांतरसाश्रीजी आत्मदर्शिताजी पूर्णरत्नाश्रीजी व्रतनंदिताश्रीजी पूर्णानंद श्रीजी Jain Education International - बीसस्थानक, भद्रतप, वर्षीतप नवपद ओली, वर्धमान ओली 43, 500 आयंबिल, 8,9 8, 30 उपवास, बीसस्थानक, श्रेणितप, 27 ओली, वर्षीतप 2, सिद्धितप, चत्तारि, 500 आयंबिल एकांतर, क्षीरसमुद्र, छ मासी, नवपद ओली, 99 यात्रा दो, कल्याणक, सिद्धाचल, उपधान तप । बीसस्थानक, 96 जिन, मोक्षदंड, 99 यात्रा, 23 ओली, छट्ठ करके सात यात्रा, 7 छ दीपावली के वर्षीतप कर्मप्रकृति, नवपद ओली, पंचमी, दशमी, ग्यारस, उपधान, 6, 16 उपवास, सदा बीयासणा 100 ओली पूर्ण, श्रेणीतप, बीसस्थानक, सिद्धितप कर्मसूदन, सहस्रकूट, 500 आयंबिल, चत्तारि डेढ़ मासी, नवपद ओली, आयंबिल के साथ 99 यात्रा, वर्षीतप उपवास व छट्ठ से, उपधान, उपवास-8, 16, 30 8, 9, 30 उपवास, क्षीरसमुद्र, काठिया के 13 अट्ठम, नवपद ओली, चोविहार छट्ट से 7 यात्रा, 99 यात्रा, 12 ओली वर्धमान तप की 100 ओली पूर्ण, 8, 16, 30 उपवास, बीस स्थानक, चत्तारि..., नवकारतप, क्षीरसमुद्र, श्रेणितप, भद्रतप, 500 आयंबिल, सहस्रकूट, सिद्धाचल, छट्ट से वर्षीतप, समवसरण, सिंहासन, सिद्धितप, नवपद ओली, डेढ़, अढ़ी, चार, छमासी तप, 13 अट्ठम, कषायजय, इन्द्रियजय, छट्ठ से सात यात्रा, आयंबिल सह 99 यात्रा, उपधान आदि। 8, 16, 30 उपवास, 108 आयंबिल, वर्षीतप 2,500 आयंबिल एकांतर, 50 ओली, नवपद ओली, क्षीरसमुद्र, श्रेणितप, सिद्धितप, सिद्धाचल, चौविहार छट्टु से सात यात्रा, 99 यात्रा, कल्याणक, नवकार पद, तीन चौबीसी, उपधान 2, अष्टमहासिद्धि, कर्मसूदन की 4 ओली, बीसस्थानक, प्रतिवर्ष नवपद ओली, पाँचम, दशम 3, 4, 5, 6, 7, 30 उपवास, सिद्धितप, चत्तारि, कर्मसूदन, समवसरण, 52 ओली, वर्षीतप, अक्षयनिधि, पंचमी, दशमी, ग्यारस, आयंबिल से 99 यात्रा दो बार, रत्नपावड़ी, दीपावली के 9 छट्ट, चार मासी, 6 अठाई 4, 5, 6, 8 उपवास, क्षीरसमुद्र, कर्मसूदन, वर्षीतप 500 आयंबिल एकांतर, 45 आगम, सिद्धाचल, नवपद ओली, अक्षयनिधि, कल्याणक, उपधान, दसम ग्यारस, 99 यात्रा, छट्ठ से सात यात्रा, सहस्रकूट, 23 ओली आदि 30, 51 उपवास, श्रेणितप, बीसस्थानक, नवपद ओली, छट्ट से सात यात्रा, 99 यात्रा, अक्षयनिधि, दशमी, पूनम, 17 ओली पूर्ण 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 16 उपवास, वर्षीतप 2, सिद्धितप, श्रेणितप, चत्तारि, 351 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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