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________________ दिगम्बर परम्परा की श्रमणियाँ 4.7.6 तीर्थ भट्टार ( 8वीं से 11वीं सदी ) इनकी शिष्याओं ने इळानिक्कुररत्तु क्कुरत्तिगळ की पवित्र प्रतिमा बनाने की प्रेरणा दी। प्रतीत होता है, कि ये आचार्या साध्वी थी, जिनका विशाल साध्वी - संघ रहा होगा | 24 4.7.7 तिरुच्चारणत्तु ( 8वीं से 11वी सदी) “चारण पर्वत की पूज्य अध्यक्षा गुरूणी' शिलालेख संख्या 53 में उल्लेख है कि मिलालुर - क्कुरत्तियार की शिष्या साध्वी तिरुच्चारणत्तु भट्टारिगल की प्रेरणा से प्रस्तुत प्रतिमा का निर्माण हुआ । " साउथ इंडियन इन्स्क्रिप्शन्स में तिरूच्चारणत्तु कुरत्तिगल के 'वरगुण' नामक एक शिष्य का उल्लेख है जो संभवतः पांड्य राजवंश का सदस्य था।” 4.7.8 तिरूमलै - क्कुरत्तिगल ( 8वीं से 11वीं सदी ) शिलालेख नं. 65 में उल्लेख है - "तिरुमलैक्कुरत्तिगल साध्वी (तिरूमलै के जैन संघ की गुरूणी) का शिष्य एनाडिकुट्टनन (पुरूष साधु) के पुण्यफलार्थ यह प्रतिमा बनाई गई थी। 197 इस लेख से यह तथ्य प्रकाश में आ है कि तिरुमलै की वह गुरूणी एक स्वतन्त्र चतुर्विध जैन संघ की अधिष्ठाता आचार्या अथवा भट्टारिका थी । और उनके श्रमण- श्रमणियों के संघ में पुरूष साधु भी शिष्य के रूप में उनके आज्ञानुवर्ती थे। 479 तिरूप्परूत्ति क्कुरत्तिगल ( 8वीं से 11वीं सदी) शिलालेख नं. 67 में पट्टिनी भट्टार की शिष्या तिरूप्परूत्ति - कुरत्तिगल ने प्रतिमा बनवाई। तिरूप्परूत्ति कुरत्तिगल का अर्थ 'तिरूप्परूत्ति' नामक स्थान की साध्वियाँ भी होता है। 8 4.7.10 पळयिराइकीकाणीक्कुरत्ती ( 8वीं से 11वीं सदी ) शिलालेख नं. 52 उक्त साध्वी की शिष्या सिरि कुरत्तियार की प्रेरणा से प्रतिमा निर्माण के संदर्भ में अंकित है। 4.7.11 नालकूर - क्कुरत्तिगळ ( 8वीं से 11वीं सदी) शिलालेख नं. 62 में नालकूर की साध्वी 'अमलनेमिभटार' (साध्वी) की शिष्या 'नालकुर - क्कुरत्तिगल' (गुरूणी भट्टार) तथा 'माणक्किगल' का नाम अंकित है । 100 94. अभिलेख - 64, वही, पृ. 186 95. जैन इंस्क्रि. तमिलनाडु, पृ. 181 96. South Indian Inscriptions, Vol. 5-1 अभिलेख 324, 326 97. जैन इंस्क्रि. तमिलनाडु, पृ. 187 " 98. वही, पृ. 188 99. वही, पृ. 181 100. वही, पृ. 185 Jain Education International 219 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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