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________________ यह स्पष्ट हो जाता है कि शबरी एक श्रमणी थी एवं वह श्रमणी व्रतों का सम्यक् रूप से पालन करती थी। महाभारत के आदि पर्व में नारियों के द्वारा वन में जाकर तपस्या करने के भी उल्लेख मिलते हैं। ऐसी स्त्रियों को 'भिक्षुकी' अथवा 'तपसी' कहा जाता था। इन संदर्भों के आधार पर इतना तो माना जा सकता है, कि रामायण एवं महाभारत काल में स्त्रियाँ संन्यास मार्ग का अनुसरण करती थीं। वाल्मिकी रामायण में शबरी को श्रमणी और शंसितव्रताम् कहने से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि उस काल में श्रमणियाँ तो अवश्य होती थी, किन्तु श्रमणी - संघ ऐसी कोई संस्था अस्तित्व में थी या नहीं, प्रमाणों के अभाव में यह कहना कठिन है। जैन परम्परा में यद्यपि सभी तीर्थंकरों के काल में उनके भिक्षुणी संघों के होने के उल्लेख तो मिलते हैं, किन्तु यह सब प्रागैतिहासिक काल के उल्लेख हैं। अतः इतिहास उन्हें प्रमाणभूत मानने में संकोच करते हैं। दूसरे विभिन्न तीर्थंकरों के श्रमणी संघ के सदस्यों की जो संख्या दी गई है, वे भी आगम-युग की न होकर पर्याप्त परवर्तीकाल की है, अतः उसकी प्रामाणिकता इतिहासज्ञों के द्वारा संदेह की दृष्टि से देखी जाती है। किन्तु ऐतिहासिक काल के तीर्थंकर पार्श्व की अनेक श्रमणियों के उल्लेख जैनागमों में मिलते हैं आगमों और आगमिक व्याख्याओं में ऐसे भी अनेक उल्लेख मिलते हैं, जिनके अनुसार पार्श्व की परम्परा की अनेक श्रमणियाँ श्रमणी धर्म ये च्युत् होकर निमित्त शास्त्र का अध्ययन करके अपनी आजीविका चला रही थी इनके उल्लेख ज्ञाता धर्मकथा और आगमिक व्याख्या साहित्य इस प्रकार से मिलते हैं - भगवान पार्श्वनाथ के काल से जैन श्रमणी संस्था का अस्तित्व ऐतिहासिक आधार पर भी सिद्ध होता है । उनके पूर्व भगवान् अरिष्टनेमी के काल की अनेक श्रमणियों के उल्लेख जैनागमों में प्राप्त होते हैं और वे जैन परम्परा की दृष्टि से विश्वसनीय भी माने जाते हैं, चाहे इतिहासकार उनकी ऐतिहासिकता को अस्वीकार करते हों। फिर भी इतना निश्चित है कि भगवान् महावीर एवं भगवान बुद्ध से पूर्व भिक्षुणी संघ या श्रमणी संघ अस्तित्व में आ गया था। Jain Education International (xxii) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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