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________________ पूर्व पीठिका साध्वी सकलवीरधन (संवत् 1686) S माकरासा भामा व शांतिदासकवर सकलवी रघनसाध चित्र 24 ___ यह चित्र गुजरात के नगर सेठ श्री शांतिदास एवं उनकी धर्मपत्नी कपूरबाई का है। पतरे पर अंकित उक्त चित्र के प्रथम भाग में श्री राजसागरसूरि के गुरुभ्राता श्री कीर्तिसागर उपाध्याय के समक्ष नगरसेठ हाथ जोड़कर खड़े हैं। द्वितीय भाग में उनकी स्त्री कपूरबाई सकलवीरधन साध्वी के समक्ष हाथ जोड़कर खड़ी है। साध्वीजी के हाथ में जपमाला और बगल में रजोहरण है, नीचे पादुका है। 302 यह चित्र विक्रम संवत् 1686 के लगभग का है, क्योंकि नगरसेठ शांतिदास के रत्नजी नामक पुत्र का जन्म विकम संवत् 1686 में उल्लिखित है। 302. जैन चित्र - कल्पलता, चित्र 64, पृ. 55, संपादक व प्रकाशक-साराभाई मणिलाल नवाब, अहमदाबाद सं. 1996 | 81 | Jain Education International For Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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