SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 140
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दो जैन साध्वियों के चित्र 296 हामीमा धामण स अस्वास Jain Education International चित्र 19 साध्वियों का यह चित्र बैठी हुई अवस्था में है। दोनों पाँवों को रखने की रीति भी एकदम नवीन है। प्राचीन शैली की तरह इनका भी मस्तक भाग छोड़कर शेष सारा शरीर वस्त्राच्छादित है। दोनों श्रमणियाँ दांये हाथ का अंगूठा और तर्जनी को मिलाकर 'प्रवचन मुद्रा' में स्थित प्रतीत होती हैं। कल्पसूत्र के हस्तलिखित पत्र पर ब्राह्मी - सुंदरी का चित्र (सं. 1475 )297 हाराववाइमाणकालाग गाडावत्तद्दा सतस्मारहा ठाकासलिममा प्रतिदातगडा माझगातातडी परिक्षाांतगड मीश्राडावा 296. जैन चित्र कल्पद्रुम, पृ. 120, 298. मई 1981, पृ. 11. Kumal चित्र - 50. जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास चित्र 20 नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में नं. 70-64 में सुरक्षित कल्पसूत्र के एक पन्ने पर बाहुबली का चित्रांकन है बाहुबली के मस्तक के दोनों ओर दो चित्र हैं, वे लगते तो साधु जैसे हैं, किंतु साधु न होकर उन्हें साध्वी ब्राह्मी सुंदरी ही कहना योग्य है। वे दोनों हाथ जोड़कर खड़ी हैं, कांख में रजोहरण है। यह कल्पसूत्र संभवतः 1475 ख्रिस्टाब्द का है। तीर्थंकर मासिक में इसका विस्तृत विवरण प्रकाशित हुआ है। 298 ऐसे चित्र भी सचित्र कल्पसूत्र की अनेक प्रतियों में उपलब्ध है। 200 am कथा 78 For Private Personal Use Only 130 297. नई दिल्ली नेशनल म्यूजियम से प्राप्त www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy