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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
श्री मल्लि भगवती की श्रमणी प्रतिमा ( 11वीं शती)
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चित्र 4 यह मल्लिनाथ भगवान की नारी मूर्ति है, जो उन्नाव (उ. प्र.) से मिली है और राज्य संग्रहालय लखनऊ (जे. 885) में संग्रहित है। ध्यानमुद्रा में विराजमान मल्लि भगवती की मूर्ति के वक्षःस्थल में श्रीवत्स का चिन्ह नहीं है, वक्षःस्थल का उभार स्त्रियोचित है, पीठिका पर कलश उत्कीर्ण है। 11वीं शती की यह सर्वप्राचीन प्रतिमा है।280
280. डॉ. मारुतीनंदन तिवारी, जैन प्रतिमा विज्ञान, पृ. 114. पा. वि. शोध संस्थान वाराणसी 1981
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