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पूर्व पीठिका
जैन श्रमणी की प्राचीन प्रतिमा ( ईस्वी सन् प्रथम द्वितीय शताब्दी ) 278
चित्र 2
प्रस्तुत चित्र मथुरा से संबंधित है, इस में दाहिनी ओर एक साध्वी का अंकन है, जो हाथ में पात्र धारण किये हुए हैं। धर्मचक्र के बाईं ओर एक नग्न मुनि है, जिनके एक हाथ में प्रतिलेखन व दूसरे हाथ में पात्र युक्त झोली है।
श्रमणियों की प्रतिमाएँ (ईस्वी सन् द्वितीय शताब्दी ) 279
चित्र 3
इस चित्र में धर्मचक्र के दोनों ओर मुनियों की दो बैठी हुई प्रतिमाएँ हैं। दाहिनी ओर के मुनि के परिपार्श्व में दो साध्वियों की खड़ी हुई प्रतिमाएं हैं। साध्वियों ने अपने बाएँ हाथ में रजोहरण लिया हुआ है। यह चित्र भी मथुरा का है।
278-279. डॉ. सागरमलजी जैन, जैनधर्म का यापनीय संप्रदाय (परिशिष्ट )
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