________________
Jain Education International
129.
तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
चूरू
955
For Private & Personal Use Only
क्रम सं दीक्षा क्रम| साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र | दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण श्री रायकंवरजी | 1987 जयपर मोतीलालजी बांठिया 1999 का. क.8
चूरू आगमज्ञाता, तप-55 वर्षों से एक मास
एकान्तर, 25 बेले | 152 श्री सुखदेवांजी | 1987 चूरू सूरजमलजी बांठिया 1999 का. कृ. 8
आगम व्याकरणादि का ज्ञान, तप संख्या
861,संवत् 2051 बीदासर में स्वर्गस्थ 153 श्री मानकंवरजी | 1987 चूरू माणकचंदजी सुराणा 1999 का. कृ.8 चूरू आगम,स्तोक,व्याकरण का ज्ञान,संघीय
चार वर्ष की परीक्षा,कलादक्ष.तपसंख्या
1042 श्री ज्ञानांजी | 1975 कालू लिखमीचंद नाहटा | 2000 भा. शु. 13 | गंगाशहर | यथाशक्य ज्ञान, तप संख्या 2844 |155 श्री केशरजी | 1983 राजलदेसर | श्री तनसुखदासजी | 2000 भा. शु. 13 |
गंगाशहर
पांच वर्ष की वयसेही उपवास,धर्मरुचि, घोड़ावत
कई स्तोक, श्लोक आदि कंठस्थ, कुल तप-संख्या 1335 कई कलात्मक उपकरणों का निर्माण, लाडनूं में
स्थिरवासिनी श्री लिछमांजी | 1983 राजलदेसर | मिरजामलजी बैद | 2000 भा. शु. 13 गंगाशहर तप संख्या 1440, अढ़ाई सौ प्रत्याख्यान श्री उमांजी 1983 लावा | जोधराजजी चींपड़ | 2000 भा. शु. 13
गंगाशहर
कुछ स्तोक व शास्त्रज्ञान, कलादक्ष, तप
संख्या 252,अग्रणी संवत् 2040 से श्री छगनांजी 1984 सरदारशहर महालचंदजी कोठारी 1000 का. शु.9 | गंगाशहर शिक्षाकला का यथाशक्य अभ्यास, तप
संख्या 1629, अग्रणी संवत् 2038 से,
धर्मप्रभाविका 137. 161 | 161 -नानूंजी 1984लावा | कन्हैयालालजी मेहता 2000 का. शु.१ । गंगाशहर सेवाभाविनी,संस्कृत में बी.ए.,दो दिन के
अनशन सह संवत् 2057 सुनाम में
समाधिमरण 138. 162 श्री तीजांजी 1985 उदयपुर | फूलचंदजी पोरवाल | 2000 का. शु.9 | गंगाशहर संवत् 2031 में गण से पृथक् 139. 165 श्री वरजूजी 1986 सरदारशहर| सोहनलाल बच्छावत | 2000 का. श.9 | गंगाशहर सेवाभाविनी, साध्वोचित उपकरण,
उद्बोधक चित्र निर्माण में कुशल, तप 1 से 8 लड़ीबद्ध
www.jainelibrary.org