SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1016
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only क्रम सं दीक्षा क्रम| साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण | 131 श्री भीखांजी | 1983 पीपली | चंदनमलजी दक | 1998 का. कृ.9 | राजलदेसर | यथाशक्य ज्ञानार्जन, उपकरण निर्माण में| दक्ष,तप संख्या 1307.संवत् 2047 खात्यां की ढाणी में स्वर्गवास श्री मानकंवरजी | 1984 राजलदेसर | तोलारामजी बैद | 1998 का. कृ.9 | राजलदेसर | 32 सूत्रों का अध्ययन, कलादक्ष, तप | संख्या 1430 श्री पानकंवरजी | 1984 सरदारशहर | नथमलजी डागा | 1998 मा. शु.7 सरदारशहर | संवत् 2054 बीदासर में स्वर्गस्थ श्री चौथांजी |1984 सरदारशहर| धनराजजी पटावरी | 1998 मा. श.7 सरदारशहर | उपकरण निर्माण में दक्ष, 1 से 9 दिन तक लड़ीबद्ध तप श्री भीखांजी 1984 सुजानगढ़ |छगनलालजी डोसी | 1998 मा. श.7 | सरदारशहर | सूक्ष्माक्षर लिपिकला में दक्ष, 13 वर्ष दो मास एकान्तर, 1 से 9 तक की लड़ी। श्री राजांजी | 1974 गंगाशहर | भीखणचंदजी बैद 1999 का. कृ. 8 तपसंख्या1118,संवत्2022 हिसारमेंदिवंगत श्री मूलांजी | 1977 चूरू हजारीमलजी सुराणा | 1999 का. कृ. 8 आगमज्ञाता, कलादक्ष, संवत् 2045 मांडा में स्वर्गवास श्री सिरेकवरजी | 1977 चूरू | केशरीचंदजीकोठारी | 1999 का. कृ. 8 संयमनिष्ठ,तप-जप में लीन,तप-संख्या 1194,संवत् 2050 लूणकरणसर में स्वर्गस्थ श्री धनकंवरजी | 1980 चूरू | कन्हैयालाल बांठिया 1999 का. कृ. 8 तप संख्या 1897,यथाशक्य ज्ञान, ध्यान, जप, तप, संवत् 2035 रतनगढ़ में स्वर्गस्थ श्री बिदामांजी | 1983 देवगढ़ | गणेशमलजी छाजेड़1999 का. कृ. 8 यथाशक्य ज्ञानार्जन, तप संख्या 1437, संवत् 2048 बीदासर में स्वर्गगमन श्री मनोहरांजी | 1985 जयपुर बादरमलजी चोपड़ा 1999 का. कृ. 8 साध्वोचित उपकरण निर्माण में कुशल, उपवास से आठ तक का तप, स्वाध्याय, ध्यान मौन का क्रम श्री पानकंवरजी | 1985 जयपुर मोतीलालजी बांठिया 1999 का. कृ. 8 आगम बत्तीसी की ज्ञाता, कलादक्ष श्री चांदकंवरजी | 1985 रतननगर | श्रींचदजी हीरावत | 1999 का. कृ. 8 | चूरू यथासाध्य ज्ञानार्जन श्री झमकूजी 1986 भादरा | वृद्धिचंदजी नाहटा | 1999 का. कृ.8 चूरू चार शास्त्र कंठस्थ, कुछ व्याख्यान सैंकड़ों | गीतिकाएं रची, तप संख्या 1060 जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy