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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 956 क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी - नाम 140. 166 141. 142. 145. 146. 147. 143. 170 144. 171 148. 149. 150. 151. 152. 153. 167 154. 168 172 173 174 175 176 179 180 181 182 184 श्री रतनकंवरजी श्री चनणांजी 4 श्री विदामांजी 4 श्री धनकंवरजी श्री हरकंवरजी 4 श्री राजकंवरजी श्री रायकंवरजी © श्री धनकंवरजी जन्मसंवत् स्थान 1987 सरदारशहर 1977 जन् 1982 खींवाड़ा 1986 लाडनूं 1987 जोधपुर 1987 डूंगरगढ़ 1982 सुजानगढ़ 1982 सरदारशहर पिता नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान बुद्धमलजी बोथरा 2000 का. शु. 9 गंगाशहर भीखणचंदजी सेठिया 2001 वै. शु. 3 गुलाबचंदजी गधैया 2001 वै. शु. 3 आसकरण खटेड़ माणकचंदजी 1989 सुजानगढ़ 1980 सरदारशहर 1980 सुजानगढ़ सांखला बींजराजजी वैद पूनमचंदजी नाहटा सोहनलाल तातेड़ 2001 आषा. शु. 2 2001 आषा. शु. 2 2001 आषा. शु. 2 2001 का. कृ. 10 2001 का. कृ. 10 1985 सरदारशहर लालचंदजी कुंडलिया 2001 का. कृ. 10 शिवरामजी बाफणा 2001 का. कृ. 10 4 श्री रामकुमारीजी 4 श्री जतनकंवरजी 1985 भैंसाणा श्री रायकंवरजी श्री लिछमांजी जयचंदजी दूगड़ दीपचंदजी सेठिया मोहनलाल सेठिया • श्री कानकंवरजी ● श्री गुलाबांजी 1981 सरदारशहर दुलीचंदजी पारख 2001 मा. शु. 8 4 श्री कानकंवरजी 1986 राजलदेसर तोलारामजी कुंडलिया 2001 मा. शु. 8 2001 का. कृ. 10 2001 मा. सु. ४ 2001 मा. शु. 8 नोखामंडी नोखामंडी लाडनूं लाडनूं लाडनूं सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ सुजानगढ़ विशेष- विवरण कई स्तोक व्याख्यान व आगम ज्ञान सीखा, 1 से 9 लड़ीबद्ध तप, आयबल सेमासखमण, 101 तेले स्तोक 9 व्याख्यान 150 ढालें कंठस्थ तप 1 से 9 तक लड़ी, कुल तप-संख्या 2814 स्तोक, व्याख्यान, ज्ञानाराधना के साथ तप संख्या 1613 भद्र, मिलनसार, संवत् 2015 अमीनाबाद में पिपासा परीषह के कारण दिवंगत संवत् 2009 टमकोर में स्वर्गस्थ संवत् 2049 लाडनूं में दिवंगत, तप संख्या 791 संवत् 2007 छह दिन के तप व 25 घंटे के संथारे सह दिवंगत आगम, टीका, भाष्य का अध्ययन, अग्रणी, सेवाभाविनी यथाशक्य अध्ययन, उपवास से आठ दिन तक लड़ीबद्ध तप संवत् 2054 में गण से पृथक् स्तोक ज्ञान, ऊनी वस्त्र त्याग, तप संख्या 3255 15 दिन के अनशन सह संवत् 2052 लाडनूं में स्वर्गस्थ सरल, सेवाभाविनी तप संख्या 516, स्वर्गवास संवत् 2049 गोगुंदा में स्तोक, 13 व्याख्यान कंठस्थ, तप संख्या 507, संवत् 2051 डूंगरगढ़ में दिवंगत जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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