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________________ 452/मंत्र, तंत्र, विद्या सम्बन्धी साहित्य देवपूजाविधि यह कृति जिनप्रभसूरि द्वारा प्राकृत एवं संस्कृत भाषा में रचित है। इसमें गृहप्रतिमा पूजाविधि एवं चैत्यवंदन विधि का विवरण पादलिप्तसूरि की निर्वाणकलिका से लिया गया है। इसके पश्चात् संस्कृत भाषा में स्नपनविधि, पंचामृतस्नानविधि, चैत्यवंदनविधि और शान्तिपर्वविधि का उल्लेख हुआ है। यह कृ ति विधिमार्गप्रपा के अन्त भाग में प्रकाशित है। नन्दीश्वरपूजा जयमाला ___ इस नाम की तीन रचनाएँ हैं। एक के कर्ता अनन्तकीर्ति है। दूसरी के कर्ता मुनिशुभचन्द्र है और तीसरी अज्ञातकर्तृक है। नन्दीश्वर उद्यापन यह रचना रत्ननन्दी की है इसमें नन्दीश्वरव्रत की उद्यापन विधि कही नन्दीश्वरउद्यापनपूजा यह कृति राजकीर्ति की है। इसमें नन्दीश्वरद्वीप की पूजाविधि और उद्यापनविधि दोनों का उल्लेख हुआ है। नन्दीश्वरपंक्तिपूजा यह दिगम्बर भंडार में मौजूद है। नन्दीश्वरपूजाविधान ___ यह रचना संस्कृत में है। उक्त सभी रचनाएँ लगभग दिगम्बर मुनियों द्वारा विरचित हैं। नमन और पूजन इस कृति के लेखक डॉ. सुदीप जैन है। यह रचना हिन्दी में है और आठखण्डों में विभक्त है।' इसके प्रथम खण्ड में आप्त पूजा, मूर्तिपूजा की परंपरा, पूजनविधि, भक्ति-पूजन क्यों?, दर्शन-पूजन के पाँच स्तर आदि का उल्लेख है। दूसरे खण्ड में- मूलपरम्परा सहमत पूजा का स्वरूप एवं उसकी विधि चर्चित है। इसके अन्तर्गत नवधा भक्ति, कृतिकर्म कब करें, आलम्बन किसका ले, मूल देववन्दना ' यह पुस्तक परोपकार ट्रस्ट, केयातल्ला लेन, कोलकात्ता, से प्रकाशित है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001679
Book TitleJain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2006
Total Pages704
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, History, Literature, & Vidhi
File Size11 MB
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