SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 134
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 104/साध्वाचार सम्बन्धी साहित्य हुये हैं तथा ये विधि-विधान प्रायः साधु जीवन की चर्या से ही सम्बन्धित है। उत्तराध्ययननियुक्ति __ इस नियुक्ति में ६०७ गाथाएँ है। अन्य नियुक्तियों की तरह इसमें भी अनेक पारिभाषिक शब्दों का निक्षेप पद्धति से व्याख्यान किया गया है। इसी प्रकार अनेक शब्दों के विविध पर्यायवाची शब्द दिये गये हैं। इसमें सामाचारी और विधि शब्द का भी निक्षेपपूर्वक व्याख्यान हुआ है। उत्तराध्ययनचूर्णि यह चूर्णि नियुक्ति के अनुसार है। यह संस्कृत मिश्रित प्राकृत भाषा में लिखी गई है। इसमें विनय, परीषह, निर्ग्रन्थ-पंचक, ज्ञान, क्रिया, एकान्त आदि विषयों पर सोदाहरण प्रकाश डाला गया है। अन्त में चूर्णिकार ने अपना परिचय देते हुए स्वयं को कोटिकगण के वाणिज्यकुल की व्रजशाखा के गोपालगणिमहत्तर का शिष्य बताया है। उत्तराध्ययनटीका यह टीका वादिवेताल शान्तिसूरि ने लिखी' है। इस टीका का नाम शिष्यहितावृत्ति है। यह पाइअ-टीका के नाम से भी प्रसिद्ध है क्योंकि इसमें प्राकृत कथानकों एवं उद्धरणों की बहुलता है। इसमें मूलसूत्र एवं नियुक्ति दोनों का व्याख्यान है। बीच में कहीं-कहीं भाष्य गाथाएँ भी उद्धृत की गई है। अनेक स्थानों पर पाठान्तर भी दिये गये हैं। इसमें अन्य विषयों के साथ-साथ यथाप्रसंग पौषधविधान, दीक्षाविधान, साधुचर्या विधान इत्यादि की भी चर्चा हुई है। स्पष्टतः प्रस्तुत आगम एवं उस पर लिखे गये व्याख्या साहित्य में अन्य विविध विषयों की प्रधानता होने पर भी कुछ विधि-विधान एवं तत्सम्बन्धी विवरण भी दृष्टिगत होते हैं। दशवैकालिकसूत्र जैन आगमों में दशवैकालिकसूत्र का महत्त्वपूर्ण स्थान है। मूल आगमों में इसका तीसरा स्थान है। नन्दीसूत्र', पक्खिसूत्र' आदि के वर्गीकरण के अनुसार उत्कालिक सूत्रों में इसका प्रथम स्थान है। मूलतः यह आगम साधु की आचारविधि ' देखें, जैन साहित्य का इतिहास भा. ३, पृ. ३५८-६३ २ नन्दिसूत्र ७७ ' पाक्षिकसूत्र- स्वाध्याय-सौम्य-सौरभ पृ. १६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001679
Book TitleJain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2006
Total Pages704
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, History, Literature, & Vidhi
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy