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________________ जैन-दर्शन के नव तत्त्व ज्ञानावरणीय कर्म, दर्शनावरणीय कर्म, वेदनीय कर्म और अंतराय कर्म ये चार कर्म जीव को - जैसे बाँधे गए होंगे, वैसे ही भोगने पड़ते हैं। कर्म का उदय होने पर जीव को सुख या दुःख होता है। कर्म के उदय के बिना सुख या दुःख नहीं होता। जो कर्म शुभ परिणाम से बांधा होगा, वह शुभ रूप से उदय में आएगा। १) ज्ञानावरणीय कर्म : ज्ञानरूपी गुण को ढकनेवाला कर्म ज्ञानावरण अथवा ज्ञानावरणीय है। जो कर्म ज्ञान नहीं होने देता, उसे ज्ञानावरणीय कर्म कहते हैं। जिस प्रकार आँखों पर पट्टी बांधने से वस्तु दिखाई नहीं देती, उसी प्रकार ज्ञानावरणीय कर्म ज्ञान को आवरित करता है, ज्ञान नहीं होने देता। ज्ञानावरणीय कर्म निम्न छह प्रकार से बांधा जाता है - १) ज्ञान और ज्ञानी व्यक्ति की निन्दा करने से, ज्ञान का निह्नव (अपलाप) करने से, ज्ञान अथवा ज्ञानी व्यक्ति की आसातना (अविनय) करने से, ज्ञान-प्राप्ति में विघ्न डालने से, ज्ञान अथवा ज्ञानी व्यक्ति के प्रति द्वेषभाव रखने से, ज्ञानी व्यक्ति के साथ विसंवाद यानी झगड़ा करने से, इन छह प्रकारों से बांधे हुए ज्ञानावरण कर्म का फल दस प्रकारों से भोगा जाता है। वे ऐसे - १) मतिज्ञानावरण : निर्मल मतिज्ञान की प्राप्ति न होना। श्रुतज्ञानावरण : श्रुतज्ञान की प्राप्ति न होना। अवधिज्ञानावरण : अवधि ज्ञान की प्राप्ति न होना। मनपर्याय ज्ञानावरणः मनःपर्याय ज्ञान की प्राप्ति न होना। केवलज्ञानावरण : केवलज्ञान की प्राप्ति न होना। बहरा हो जाना, अंधा हो जाना, सूंघने की शक्ति प्राप्त न होना, ६) गूंगा होना १०) स्पर्शेन्द्रिय की शक्ति न होना। २) दर्शनावरणीय कर्म : आत्मा के दर्शन गुण को रोकने वाला कर्म 'दर्शनावरणीय कर्म' है। जो दर्शन अर्थात अनुभूति में बाधक बनता है, वह दर्शनावरणीय कर्म है। जिस प्रकार द्वारपाल राजा का दर्शन नहीं होने देता, उसी प्रकार यह कर्म सामान्य बोध नहीं होने देता। यह कर्म भी ज्ञानावरण कर्म के समान छह प्रकारों से बांधा जाता है। ज्ञानावरण कर्म के बंध में ज्ञान और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001676
Book TitleJain Darshan ke Navtattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmashilashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size11 MB
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