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प्राकृत-दीपिका
[अष्टम अध्याय
अव्वो-सूचना; दुःख, संभाषण, अप- इव, भिव, पिव; विव, स्व, व, विअ राध, विस्मय, आनन्द, आदर,
( इव ) सादृश्य भय, खेद, विषाद,पश्चात्ताप इह (इह ) यहाँ अवस्सं ( अवश्यम् ) अवश्य
इहरा, इयरथा ( इतरथा ) अन्यथा अवरि ( उपरि ) ऊपर
ईसिं, ईसि (ईषत्) थोड़ा पि, वि, अपि (अपि) प्रश्न, सम्भावना
उअ-देखो (उअ णिच्चलणिप्फंदा - समुच्चय
पश्य निश्चलनिष्पन्दा) असई ( असकृत् ) कई बार
उअ (उत्) विकल्प, प्रश्न अह ( अथ ) पश्चात्
उच्चअ ( उच्चैः ) उन्नत अह, अहे ( अधस् ) नीचे
उरिं, उवरि, उप्पि (उपरि) ऊपर अहत्ता, हेट्ठा ( अधस्तात् ) नीचे
ऊ-गार्हा निन्दा, आक्षेप-तिरस्कार,
विस्मय, सूचना ( ऊ पिल्लज्ज - अहई. ( अथ किम् ) और क्या
अरे धिक निर्लज्ज। ऊ कि मए अहत्ता ( अधस्तात् ) नीचे
भणिअं-ऊ, कि मया भणितम ? अहव, अहवा, अदुवा, अदुव (अथवा)
ऊ कह मुणिआ अहय
ऊ कथं ज्ञाता अहम् ? ऊ केण न अहुणा ( अधुना ) इस समय
विण्णायं - ऊ केन न विज्ञातम् ) अहे, अह ( अधः ) नीचे
एअं ( एतत् ) यह आम ( ओम् ) स्वीकृतिसूचक ( आम
एकइआ, एक्कइआ, एक्कया, एगइया,
। बहला वणोली हाँ, यह सघन
एगदा ( एकदा ) एक समय वनपंक्ति है) एक्कसरिअं-शीघ्र, सम्प्रति इ, जे, र-पादपूरक
एगयओ (एकैकतः) एक-एक इओ ( इत: ) यहाँ से
एतावता, एयावया (एतावता) इतना इच्चत्थो ( इत्यर्थः) भावार्थ एत्थं, एत्थ, इत्थ (अत्र) यहाँ इत्थ ( अत्र ) यहाँ
एव (एव) ही इयाणि ( इदानीम् ) इस समय एवं (एवम्) इस तरह इर (किल ) निश्चय
एमेव, एवमेव (एवमेव) इसी तरह
पक्षान्तर
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