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इत् प्रत्यय ]
भाग १ : व्याकरण
[ ३५
धातु
पुं० म .
स्त्री० नी-ले जाना नेतो नेमाणो नेन्तं नेमाणं नेंती नेमाणी नेई चल >चल्ल=चलना चल्लंतो चल्लमाणो चल्लंतं चल्लमाणं चल्लंती चल्ल
माणी चल्लई भण्>भण-कहना भणंतो भणमाणो भणंतं भणमाणं भणंती भणमाणी
भणई पा-पाना पाअंतो पाअमाणो पाअंतं पाप्रमाणं पाअंती पाअमाणी
पाअई पांती
पामाणी पाई अन्य उदाहरण-गम् गच्छंतो गच्छमाणो। वस् >वसंतो वसमाणो । कंपकंपंतो कंपमाणो। दा>देंतो देयमाणो। गा>गायंतो गायमाणो। वप् >वेवंतो वेवमाणो। [ अन्य प्रयोग
(१) कर्मणि वर्तमान कृदन्त-(धातु+कर्मप्रत्यय+वर्तमान कृत् प्रत्यय ) धातु में कर्मवाच्य के प्रत्यय ( ईअ, इज्ज ) जोड़कर न्त, माण और ई प्रत्यय जोड़ने पर कर्मवाच्य में वर्तमानकालिक कृदन्त के रूप बनते हैं। जैसे-हस > हसीअंतो; हसीअमाणो, हसिज्जतो, हसिज्जमाणो । भण्>भणीअंतो, भणीअमाणो, भणिज्जतो, भणिज्जमाणो।
(२) मावि वर्तमान कृदन्त-(धातु+भावि प्रत्यय वर्तमान कृत् प्रत्यय ) धातु में भावि प्रत्यय ( ईअ और इज्ज ) जोड़कर वर्तमान कृदन्त के प्रत्यय जोड़ने पर भावि वर्तमान कृदन्त के रूप बनेंगे। जैसे--भण) भणिज्जंतं, भणिज्जमाणं, भणीअंतं, भणीअमाणं । ___(३) प्रेरक कर्तरि वर्तमान कृदन्त-(धातु +प्रेरक प्रत्यय + वर्तमान छत् प्रत्यय ) धातु के प्रेरक रूप ( अ, ए, आव, आवे प्रत्ययान्त ) में न्त, माण और ई प्रत्यय जोड़ने पर कर्तृवाच्य में प्रेरणार्थक वर्तमान कृदन्त के रूप बन
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