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करे छे : अवरस्यु, गगन स्य, वन साथि, नयणे करी. चोथीमां नई मळे छे : सेवकनई, तेहनई. “माटई” “भणी" अने “काजई"नो पण उपयोग थयो छे : दीधा माटई, जोता भणी, जोबा काजई. पांचमीमां थी, थकी, थिकउ मळे छे : नयरबारिथी, वन थकी, किहां थिकउ ६.११मां "मांहिथी" मळे छे. छठ्ठीमां नउ, ना, नी, नउ, नां, केरी तण, तणा, तणी मळे छ : तरस्यानउ, तापसना, अबलानी, तेहन, शंख के री (माला), रूप तण, मयण तणा, जिन तणी, प्रेम तणउ, सप्तमीमां असंयुक्त तेम ज संयुक्त इ, इमळे छे : भमतीइ, संसारइ, सिरि, गुखि, मरुथलि, गभारई, “नयने" जैवो शब्द पण छे. उपरांत मध्य, मध्यइ, मांहिं, मांहइ, मांहई, माहे, मझारि, मां सोनो उपयोग छ : मनि मध्य, सागर मध्यइ, त्रिभुवनमांहि, दीता मांहई, मन मांहइ, मन माहे, स्वप्न मझारि, वनमां अेक वार प्रत्ययरहित “मन' प्रयोग पण छे.
विशेषण : विकारी अने अविकारी बन्ने प्रकारनां सळे छे. विशेश्यनी जेन तेपने पण प्रत्ययो
लागे छे : नीरसथी.
संख्यावाचक अने संख्यादर्शक शब्दो : ।
इक, ओक, च्यार, पांच, सात, दस, अटोत्तर शत, चिडु (दिसि), पहिलं, बीजू, अकलउ बेहुं, दोई पण मळे छे.
सर्वनाम : सर्वनासी मोटी संख्यामां मळे छे : हुं, तु-तू, ते-तेह, आपण, अम्हे, तुम्हे, अ
अह, जे-जेह, कह, आ, मे, को, कुण, कोई, काई, वगैरे. . नीचेनां विभक्तिरूपी मळे छ : हुँ, मई, मुहनई, मुझनई, मुझ, माहरई, माहरी, माहरू, मोरू, अम्ह. आपण, आपई, आपणउ, आपणी, आपणा, आपणउ, तुं-तू, तइ, तुझनई, ताहरइ, ताहरी, ताहरू, ताहरा, तुम्हे, तुम्हनइ, तुम्हारी. ते-तेह, तेणई, तेणइ, तेहनी, तेहनउ, तेणीइ . जे-जेह, जेणइ, जेहनी, जेहनउं. अ-अह, अणइ, अहनी मेहनउ, अणी, भेणीइ. उपरांत, सा, सोई, तस, जस, तास, जास, तसु, जसु, पण छे. साधित रूपो पण ठीक ठीक मळे छ : जेहवउं, जिहवा, अहवउ, अहव, तेहवु, जिसिउ, तेसिउ, किसिउ जेवां विशेषणात्मक रूपो छ.
क्रियापद : क्रियापदोमा त्रणे काळनां रूपो आवे छे : वर्तमानकाळ-पहेलो पुरुष : देखु, पांम, लहुं.
बीजो पुरुष : करई. बीजो पुरुष : हवई, सेवई, ल्यावई, सुणावइ, जगावइ, जेवा प्रेरक. त्रीजो पुरुष ब. ब. बछति (२.२).
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