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________________ परिशिष्ट ११५ गजकोटि घूधर सामटा ए, झगझाग तुरंगम सरिवटा ए. एक धाई हार जि ऋटितई ए, एक वेणी दंडसु छूटतई ए, सखी नेउर पासे फटितई ए, एक अतिमादल कूटितइ ए. एक आविई ढोल ज ढमढमाटि, वली वाजा केरां गुमगुमाटि, रण तूरण तेजे रणरणाटि, घरि पहुतु उछव घमघमाटि. सही टोले रूपणि हरखतीए, नयणे वलो प्रीय प्रीय नरखतीए, हेविई आवी वेला वहिलडीए, बिहूं पामे रोपई केलडीए. देवकलशरचित कथामा आवतां वर्णनो :---- कनकरथ रुखमणीने परणवा जाय छे त्यारचं वर्णन :"तात वचन कुंअर सामहियु, तिणि परि गह गाढउ गहिगहिउ, मंत्रीसर सामहणो करइ, धन धानि करहादिक भरई. गयवर शतगडीयई माल्हता, जाण करि पव्वेत चालता, पंचवर्ण हयवर पाखर्या, दिनकर वाहनथी अपर्या. जेहे रथि सोवनमई धुरी, तेहे रथि जूता छई तुरी, बीजा वाहननउं स्य कहउ, पायक सुभट पार नवि लहं. ढोल ददामां सुसर नीसांण, सांभलि वईरी तिजई परांण, झल्लरि मद्दल भेरी ताल, रीझई अबला बाल गोपाल. नफेरी सरणाई संखा, अवरतणी जाणू नवि संखा, ईणिइं रिद्धि करी परिवरिउ, भला सुकन वली सेसिं भरिउ. करई भट्टचारण कईवार, दीजई दान वंछित अनिवार, परिहं परिई संतोष्या सह, तिणि आसीस दिई तेहनई बहू, कीयां कनकमई कुंडलवांनि, नवसर हार हीई नव वांनि, हाथि खडग सिरि सोवन टोप, वालिउ कुमर करी आटोप" कनकरथ ऋषिदत्ताने परणीने पोताना नगरमां पाछो फरे छे त्यारे हेमरथ राजा उत्सव करे छे त्यारन वर्णन : "माहि वधावलं जाई, नरपति हरखित थाई; नयर शंगारीईए, उच्छव कारीयई ए. तलीया तोरण बारि, लुहकई जोध अपारि; चंदन चरच्यां ए, नाटक विरच्यां ए. हाटे घरे चित्रामा, कीजई दीजई दांम; भूमि पवित्र करइंए, कचवर अपहरई ए. परिघल सौरभ वारि, छांटई सेवक नारि; धूप सुमहमहई ए, भोगी गहगहई ए. कीआ चंद्रोदय चंग, फूल पगर नवरंग; वन वन बालिका ए, बांधई बालिकाए. एम करी भूपाल, सज थाइ ततकाल; परिगह परिवरिउ ए, साम्हउ सांचरिउ ए. आवत देखी तात, पूछिई मात संघात; घरणि सहित नमई ए, माडी मनि गमई ए. सिंघासनि बईसारि, मिली सुहासणि नारि; बेउ न्हवारीई ए, विघन निवारीई ए. पहिरणि पट्टदुकूल, दैव तिहां अनुकूल; कुमर सिंगारीई ए, भगतिई भारीइ ए. मस्तकि मुकट सफार, काने कुंडल सार; बाहिई बहिरखाए, नवि किहि सारिखाए. in Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001581
Book TitleRushidattras
Original Sutra AuthorJayvantasuri
AuthorNipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size11 MB
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