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प्रश्न-क्षमासमण किसे कहते हैं ? उत्तर-~जो समण क्षमा आदि दस प्रकारके यतिधर्मोंका पालन करता हो
वह क्षमासमण कहाता है। प्रश्न-समण किसे कहते हैं ? उत्तर-जो साधु सभी जीवोंके साथ समभावसे वर्तन करे, वह समण
कहाता है। प्रश्न-श्रमण किसे कहते हैं ? उत्तर-जो साधु पाँच इन्द्रियोंको वशमें रखनेके लिये श्रम करे, वह श्रमण
कहाता है । अथवा जो साधु आत्मशुद्धिके लिये श्रम अर्थात् तपश्चर्या
करे, वह श्रमण कहाता है । प्रश्न-यतिधर्मके दस प्रकार कौनसे हैं ? उत्तर-(१) क्षमा रखना, (२) मृदुता रखना, (३) सरलता रखना,
(४) पवित्रता रखना, (५) सत्य बोलना, (६) संयमका पालन करना, (७) तप करना, (८) त्यागवृत्ति रखना, (९) अपने पास रुपये-पैसे
आदि नहीं रखना और (१०) ब्रह्मचर्यका पालन करना। प्रश्न-पञ्चाङ्ग-प्रणिपात किसे कहते हैं ? । उत्तर-दो हाथ, दोनों घुटने और मस्तक इन पाँचों अङ्गोंको संकुचित
करके जो प्रणाम किया जाय उसे पञ्चाङ्ग-प्रणिपात कहते हैं । थोभवन्दन करते समय ऐसा हो प्रणिपात किया जाता है।
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