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________________ २५३ सूत्र-परिचय-- इस सूत्रसे पोषध लिया जाता है । पोषध प्रश्न-पोषध क्या है ? उत्तर-एक प्रकारका शिक्षाव्रत । श्रावकके बारह व्रतोंमें इसका क्रम ___ ग्यारहवाँ है ? प्रश्न-पोषधका अर्थ क्या है ? उत्तर-धर्मका पोषण करे, धर्मकी पुष्टि करे, वह पोषध । श्रीहरिभद्रसूरिने दसवें पञ्चाशकमें कहा है कि 'जो कुशल धर्मका पोषण करता है जिसमें श्रीजिनेश्वर देवोंद्वारा कथित आहार-त्याग आदिका विधि-पूर्वक अनुष्ठान किया जाय वह पोषध ।' प्रश्न-पोषध कितने प्रकारका है ? उत्तर-चार प्रकारका । आहार-पोषध, शरीरसत्कार-पोषध, ब्रह्मचर्य पोषध और अव्यापार-पोषध । प्रश्न-आहार-पोषध किसे कहते हैं ? उत्तर-उपवास आदि तप करना, उसे आहार-पोषध कहते हैं । प्रश्न-शरीरसत्कार-पोषध किसे कहते हैं ? उत्तर-स्नान, उद्वर्तन ( पीठी अथवा अन्य उबटन लगाना ), विलेपन, पुष्प, गन्ध, विशिष्ट वस्त्र और आभरणादिसे शरीरका सत्कार करनेका त्याग करना, उसे शरीरसत्कार-पोषध कहते हैं। प्रश्न --ब्रह्मचर्य-पोषध किसे कहते हैं ? उत्तर-ब्रह्मचर्यका पालन करना, उसे ब्रह्मचर्य-पोषध कहते हैं। प्रश्न-अव्यापार-पोषध किसे कहते हैं ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001521
Book TitlePanchpratikramansutra tatha Navsmaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Sahitya Vikas Mandal Vileparle Mumbai
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year
Total Pages642
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Worship, religion, & Paryushan
File Size23 MB
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