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________________ २३२ करते समय इन्होंने ब्राह्मण, माय और सगर्भा स्त्रीकी हत्या की थी, किन्तु इन बड़ी हत्याओंसे इनका हृदय द्रवित हो गया और इन्होंने संयम धारण किया । उसके पश्चात् जहाँतक पूर्व पापको स्मृति हो, वहाँतक कायोत्सर्ग करनेका अभिग्रह करके, हत्यावाले गाँवके पास ध्यानमें मग्न हो गये। वहाँ लोगोंने इनपर पत्थर, कूड़ा आदिका प्रहार किया और असह्य कठोर शब्द कहे, परन्तु ये ध्यानसे किञ्चित् भी विचलित न हुए। सारे उपसर्ग समभावसे सहन करते हुए इन्हें केवलज्ञान उत्पन्न हुआ। ५० श्रेयांसकुमार :-ये बाहुबलीके पौत्र थे और सोमयश राजाके पुत्र थे । इन्होंने श्रीआदिनाथप्रभुको एक वर्षके उपवास के बाद गन्नेके रसका पारणा कराया था। __ ५१ करगडूमुनि :-ये धनदत्त श्रेष्ठीके पुत्र थे और श्रीधर्मघोषसूरिसे बाल्यवयमें दीक्षित हुए थे। इनमें क्षमाका गुण अद्भुत था, किन्तु कोई तपश्चर्या नहीं कर सकते थे। एक बार प्रातःकालमें गोचरी लाकर वापरनेके लिये बैठे कि मासखमणवाले एक साधुने कहा कि–'मैंने थूकनेका पात्र माँगा, वह क्यों नहीं दिया ? और आहार वापरनेको बैठ गये ? अतः अब मैं तुम्हारे पात्रमें ही बलगम डालूंगा।' ऐसा कहकर उस साधुने पात्रमें बलगम (कफ) डाल दिया। कूरगडूमुनि इससे कुछ भी क्रुद्ध नहीं हुए। अपि तु हाथ जोड़कर बोले कि 'महात्मन् ! क्षमा कीजिये, मैं बालक हूँ; भूल हुई। मेरे ऐसे धन्य भाग्य कहाँ हैं कि आपके जैसे तपस्वीका बलगम मेरे भोजनमें गिरे !' ऐसी भावना उत्तरोत्तर बढ़नेसे इनको केवलज्ञान प्राप्त हुआ। ५२शय्यम्भवसूरिः-श्रीप्रभवस्वामोके पट्टधर शिष्य। ये पूर्वावस्थामें कर्मकाण्डी ब्राह्मण थे । श्रीप्रभवस्वामीके अनन्तर समस्त जैनशासनका भार इन्होंने वहन किया था। इनका बाल-पुत्र मनक भी इन्हींके मार्गमें पला था और उसने अल्पवयमें ही आत्म-हित साध लिया था। इस पुत्र-शिष्यको पढ़ानेके लिये सूरिजीने सिद्धान्तमेंसे सारसंग्रह-कर दशवकालिक सूत्रकी रचना की थी, जो एक पवित्र आगम माना जाता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001521
Book TitlePanchpratikramansutra tatha Navsmaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Sahitya Vikas Mandal Vileparle Mumbai
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year
Total Pages642
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Worship, religion, & Paryushan
File Size23 MB
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