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प्रश्न-उपाध्याय किसे कहते हैं ? उत्तर-जो साधु ज्ञान और क्रियाका अभ्यास कराएँ उन्हें उपाध्याय कहते
हैं । उनकी पहचान नीचेके पच्चीस गुणोंसे होती है :-ग्यारह अङ्गशास्त्र" तथा बारह उपाङ्गशास्त्र'२ पढ़ाना, एवं चरित्र' तथा
क्रियामें कुशल होकर अन्य साधुओंको उसमें कुशल बनाना । प्रश्न-साधु किसे कहते हैं ? उत्तर-जो निर्वाण अथवा मोक्षमार्गकी साधना करते हों उन्हें साधु कहते
हैं। उनकी पहचान सत्ताईस गुणोंसे होती है:-वे पाँच महाव्रतोंका पालन करते हैं, रात्रि-भोजनका त्याग करते हैं, छ:-कायके जीवोंकी रक्षा करते हैं, पाँच इन्द्रियोंपर संयम रखते हैं, तीन गुप्तियोंका पालन करते हैं ३, लोभ रखते नहीं', क्षमा धारण करते हैं', मनको निर्मल रखते हैं', वस्त्रादिकी शुद्ध प्रतिलेखना ( पडिलेहणा ) करते हैं', प्रेक्षा-उपेक्षादि संयमका पालन करते हैं', तथा परीषहों' एवं
उपसर्गोको सहन करते हैं। प्रश्न-इस प्रकार पञ्च-परमेष्ठीमें कितने गुण हुए ? उत्तर-एक सौ आठ-१२ + ८+ ३६ + २५ + २७ = १०८ ।
x इन गुणोंकी गणना अन्य रीतिसे भी होती है ।
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