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भावका उदय होनेसे स्थूल - अदत्तादान - विरमण - व्रतमें अतिचार लगे ऐसा जो कोई आचरण किया हो, उससे मैं निवृत्त होता हूँ ।। १३ ।।
मूल
तेनाहड - प्पओगे, तप्पडिरूवे विरुद्ध-गमणे अ । कूडतुल- कूडमाणे, पडिक्कमे देसिअं सव्वं ॥
१४ ॥
शब्दार्थ—
तेनाहड-पओगे - स्तेनाहूत तथा स्तेन - प्रयोगमें, चोरद्वारा लायी वस्तु रखलेनेसे और चोरी करनेका उत्तेजन मिले ऐसे वचन बोलनेसे |
तेन - चोर, आहड - लायी गयी । करनेका
स्तेन प्रयोग- चोरी
उत्तेजन मिले, ऐसे वचन
बोलना |
तपsिa - नकली माल बेचनेसे, माल में किसी तरहकी मिलावट करनेसे । विरुद्ध-गमणे - राज्यके नियमोंसे
विरुद्ध गमन करनेसे |
तौल
कूडतुल- कूडमाणे - झूठा तौलनेसे झूठा मापनेसे, झूठा तौल तथा झूठे मापका उप
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योग करनेसे | पडिक्कमे देसिअं सव्वं पूर्ववत् ०
अर्थ- सङ्कलना
चोरद्वारा लायी हुई वस्तु रख लेनेसे, चोरी करनेका उत्तेजन मिले, ऐसा वचन - प्रयोग करनेसे, मालमें मिलावट करनेसे, राज्यके विरुद्ध गमन करनेसे और झूठा तौल तथा झूठे मापका उपयोग करनेसे, दिवस - सम्बन्धी छोटे-बड़े जो अतिचार लगे हों, उन सबसे मैं निवृत्त होता हूँ ॥ १४ ॥
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