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- सूत्रसे विरुद्ध, मार्गसे विरुद्ध, कल्पसे विरुद्ध या कर्तव्यसे विरुद्ध ( चलनेके कारण हुआ हो।)
दुष्ट-ध्यानसे हुआ हो अथवा दुष्ट-चिन्तनसे हुआ हो।
अनाचारसे हुआ हो, नहीं चाहने योग्य वर्तनसे हुआ हो या श्रावकके लिये सर्वथा अनुचित ऐसे व्यवहारसे हुआ हो ।
ज्ञानाराधनके विषयमें, दर्शनाराधनके विषय में, देशविरति चारित्राराधनके विषयमें, श्रुतज्ञान-ग्रहणके विषयमें अथवा सामायिकके विषयमें हुआ हो।
तीन गुप्तियोंका, पाँच अणुव्रतोंका, चार शिक्षाव्रतोंका, बारह प्रकारके श्रावक धर्मका चार कषायोंसे जो खण्डित हुआ हो, विराधित हुआ हो, तत्सम्बन्धी मेरा दुष्कृत मिथ्या हो। सूत्र-परिचय
दिनके मध्यमें हुए अतिचारोंको गुरुके समक्ष प्रकट करनेके लिये इस सूत्रकी योजना की गयी है।
२८ अइयार-वियारण-गाहा [अतिचार विचारनेके लिए गाथाएँ ]
मूल
[ गाहा ] नाणम्मि दंसणम्मि अ, चरणम्मि तवम्मि तह य वीरियम्मि । आयरणं आयारो, इअ एसो पंचहा भणिओ ॥१॥
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