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उत्तर --जैसे अनेक दीपकोंका प्रकाश एक कमरेमें एक साथ रह सकता है,
वैसे ही अनन्त आत्माएँ सिद्धशिलामें एक साथ रह सकती हैं।
२४ वेयावच्चगर-सुत्तं [ 'वेयावच्चगराणं'-सूत्र]
वेयावच्चगराणं संतिगराणं सम्मदिहि-समाहिगराणं करेमि काउस्सग्गं । [अन्नत्थ० इत्यादि] शब्दार्थवेयावच्चगराणं-वैयावृत्त्य करने- । सम्मद्दिट्ठि-समाहिगराणं
सम्यग्दृष्टियोंके लिए समाधि वालोंके निमित्तसे।
उत्पन्न करनेवालोंके निमित्तसे । संतिगराणं-उपद्रवों अथवा उप- करेमि काउस्सग्गं-मैं कायोत्सर्ग सर्गोको शान्ति करनेवालोंके
करता हूँ।
[ अन्नत्थ० इत्यादि - अन्नत्थ० निमित्तसे।
आदि पद-पूर्वक ।] अर्थ-सङ्कलना___ वैयावृत्त्य करनेवालोंके निमित्तसे, उपद्रवों अथवा उपसर्गोंकी शान्ति करनेवालोंके निमित्तसे और सम्यग्दृ ष्टियोंके लिए समाधि उत्पन्न करनेवालोंके निमित्तसे मैं कायोत्सर्ग करता हूँ। सूत्र-परिचय
गह सूत्र वैयावृत्त्य करनेवाले देवोंका कायोत्सर्ग करनेके लिए बोला जाता है।
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