________________ स्व. सेठ श्री अमृतलाल कालीदास दोशी लक्ष्मी और सरस्वती का मिलन एक सुसंयोग है, जो बहुत ही दुर्लभ है। भारत के प्रसिद्ध उद्योग प्रतिष्ठान "अमर डॉय केम" के संस्थापक सुप्रसिद्ध उद्योगपति स्व. सेठ श्री अमृतलाल दोशी के जीवन में यह सुसंयोग देखा गया। आप न केवल कुशल व्यापारी व उद्योगपति थे, परंतु अच्छे विद्वान भी थे। धर्म और सदाचार में दृढ निष्टा रखने वाले श्री अमृतलालभाई साहित्य, संस्कृति और जन सेवा में सदा अग्रणी रहे। उनके विचार बड़े व्यापक व उदार थे और जीवन संयम-निष्ठ तथा आध्यात्मोमुख था। जैन साहित्य के संशोधन और प्रचार हेतु आपने " जैन साहित्य विकास मंडल" की स्थापना सन् 1948 में की और उसके संचालन के लिए बड़ी राशि प्रदान की। इस संस्था ने स्थापना के समय से आज तक संशोधन के क्षेत्र में व्यापक व महत्वपूर्ण कार्य किया है। मंत्र, योग, ध्यान, न्याय एवं आध्यात्मिक विषयों में बहुत ही मौलिक साहित्य का प्रकाशन किया है। संस्था का अपना एक समृद्ध पुस्तकालय भी है, जिसमें बहुमूल्य आध्यात्मिक-जैन व जैनेतर साहित्य की पुस्तके हैं, जिसका लाभ हमारे पूज्य मुनिराज, पंडित, संशोधक तथा समाज के विद्वान उठा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orge