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मनुष्यशरीर में नक्षत्रों की स्थिति एवं देवता :
आर्द्रा
- सर्प
नक्षत्र स्थान
देवता अश्विनी
- पांवों के उपरी भाग में - अश्विनी कुमार भरणी - पांवों के तलवों में - काल वृत्तिका - सिर में
- अमि रोहिणी - भाल में
- ब्रह्मा मृगशिरा - बाहों में
- चन्द्रमा - आंखों में
- रुद्र पुनर्वसु - नाक में
- अदिति पुष्प - चेहरे में
- बृहस्पति आश्लेषा - कानों में मघा - होठों में
- पितर पूर्वा फाल्गुनी - दाएं हाथ में
- भग उत्तरा फाल्गुनी - बाएं हाथ में - अर्यमा
... - उंगलियों में - गर्दन में
- विश्वकर्मा स्वाति - सीने में
- पवन विशाखा - छाती में
- सुकानि अनुराधा - उदर में ज्येष्ठा - आमाशय में मूल - कोख में
- निऋति पूर्वाषाढ़ा - पीठ में
जल उत्तराषाढ़ा - रीढ में
- विश्वदेव श्रवण - कमर में
- विष्णु धनिष्ठा - गुदा में शतभिषा - दाई जांघ में - वरुण पूर्वा भाद्रपद - बाई जांघ में ~ अजैकपाद उसरा भाद्रपद - पिण्डली में -- अहिर्बुध्न्य रेवती - टखने में
- पूषा अभिजित् -
- ब्रह्मा
चित्रा
मित्र
- वसु
' अहएनीता
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