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________________ अरहंत शब्द के प्रमाण 1) भगवती सूत्र के मंगलाचरण में ही "नमो अरहंताणं" है। 2) आचारांग सूत्र के प्रथम स्कंध चौथा अध्याय में अरहंता भगवंतो ते सव्वे एवं माइक्खंति 3) समवायांग सूत्र के समवाय चौतीस (34) जल्य जत्थ वियणं "अरहंता" भगवंतो चिट्ठ तिवा निसयंतिवा 4) ठाणांग सूत्र चतुर्थ उद्देशक चउहिं ठाणेहिं जीवा देव किब्बि सियताणं पगरेति तं जहा :"अरहंताणं" अव्वण वदमाणे "अरहंत" पणत्तस्स अव्वणं वदमाणे 5) ज्ञाता धर्म कथांग सूत्र प्रथम अध्ययन "अरहंत" मायरोवा चक्क वट्टी मायरोवा "अरहंत" सिवा चक्कवटी वा 6) निरयावलीका वर्ग पांच अध्ययन प्रथम तएणं "अरहा“ अरिट्ठ नेमि "अरहा“ अरिट्ठ नेमिं विहरइ . 7) उत्तराध्ययन सूत्र अध्याय छ: गाथा अठारह • "अरहा" णाथ पुत्ते भगवं वेसालिए 8) सूत्र कृतांग सूत्र द्वितीय सूत्र स्कंध द्वितीय अध्ययन जेय अतीता जेय पदुपन्ना जेय आगमिस्सा "अरहंता" भगवंता सव्वे ते 9) महानिशिथ सूत्र के उपधान विधि में (अध्याय पांच) नमो "अरहंताणं" ति पढम ज्झयणं अहिज्जेय वं तद्दिहेय आय बिलणं ___10) उडीसा के हाथी गुफा के शिलालेख में जो 2000 वर्ष पहले का है महा मेघवान राजा खाखेल का उसमें इस प्रकार है :नमो "अरहंताणं" नमो सव्वसिधानं वेरेन महाराजेन "अरहंता“ पसादानं 11) मथुरा के कंकाली टीले से निकले शिलालेखों में से एक शिलालेख जो कि इसवी सन् पचास पूर्व का कहा जाता है। नमो “अरहंतो" वधमानस "अरहत” पूजाये ___12) हैदराबाद के प्रसिद्ध सलारजंग म्युजियम में धर्मशास्त्रों का संग्रह क्या यह सत्य है ? (7 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001506
Book TitleKya yah Satya hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHajarimal Bhoormal Jain
PublisherShuddh Sanatan Jain Dharm Sabarmati
Publication Year1994
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size4 MB
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