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(lvi)
बोली के लक्षणों की दृष्टि से हेमचन्द्रीय उदाहरणों की भाषा को अधिक सूक्ष्मता से देखना चाहिये ।
___उपर्युक्त निष्कर्षो से इतना तो देखा जा सकता है कि हेमचन्द्रीय उदाहरणों क अपभ्रंश भाषा को प्राचीन गुजराती, प्राचीन मारवाडी या प्राचीन हिन्दी कहना एकांगी और अशास्त्रीय है । इन उदाहरणों में उक्त तीनों भाषामों की कुछ विशिष्टतायें बीजरूप में उपस्थित हैं । यही कथन इस परिस्थिति के अनुरूप और युक्तिसंगत होगा।
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