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________________ (x) चरितकाव्यों की सूचि नाम कवि संधिसंख्या रचनासमय ई. सन् पास पुराण (सं. पार्श्वपुराण) पदमकीर्ति 18 993 जंबूसामिचरिय (सं. जम्बूस्वामिचरित) सागरदत्त 11 1020 जंबूसामिचरिय (सं. जम्बूस्वामिचरित) वीर 11 1020 सुदंसणचरिय (सं. सुदर्शनचरित) नयनंदी 11 1040 विलासवइकहा (सं. विलासवतीकथा) साधारण या 11 1068 सिद्धसेन पासचरिय (सं. पार्श्वचरित) श्रीधर 12 1133 सुकुमालचरिय (सं. सुकुमालचरित) श्रीधर 6 1152 सुकुमालसामिचरिय (सं. सुकुमालस्वामिचरित) पूर्णभद्र पज्जुण्णकह (सं. प्रद्युम्नकथा) सिंह या सिद्ध 15 12वीं शताब्दी जिणदत्तचरिय (सं. जिनदत्तचरित) लकवण 11 1219 वयरसायिचरिय (सं. वज्रस्वामिचरित) वरदत्त वाहुवलिदेवचरिय (सं. बाहुबलिदेवचरित) धनपाल 18 1398 सेणियचरिय (सं. श्रेणिकचरित) जयमित्र हल्ल 11 15 वीं शताब्दी चंदप्पहचरित (सं. चंद्रप्रभचरित) यशकीर्ति सम्मइजिणचरिय (सं. सम्मतिजिनचरित) रइधू मेहेसरचरिय (सं. मेघेश्वरचरित) घणकुमारचरिय (सं. धनकुमारचरित) वड्ढमाणकव्व (सं. वर्धमानकाव्य) जयमित्र हल्ल अमरसेणचरिय (सं. अमरसेनचरित) माणिक्यराज णायकुमारचरिय (सं. नागकुमारचरित) सुलोयणाचरित (सं. सुलोचनाचरित) देवसेन 2 कथाकोश उपर्युक्त रचनाओं के अलावा एक ओर विषय प्रकार भी संविबंध में मिलता है। यह है किसी विशिष्ट जैन ग्रन्थ में प्रतिपादित किसी धार्मिक या नैतिक विषय के उदाहरणों को प्रस्तुत करती कथावली । 'कथाकोश' नाम से प्रसिद्ध इस साहित्य की अनेक कृतियाँ संस्कृत और प्राकृत में मिलती हैं। अपभ्रंश में 56 तथा 58 संधियों के दो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001465
Book TitleApbhramsa Vyakarana Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1993
Total Pages262
LanguageApbhramsa, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size12 MB
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