________________
[87]
'अरे ! नूतन वीजळीनी झबक झबक थती रेखा एवी लपके छे, जाणे मेघरूपी राक्षसनी लांबी भयंकर जीभ !' त्रिवलीतरंगक
जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां सत्तर मात्रा छे ते त्रिवलीतरंगक छंद- उदाहरण :
दिहरच्छिआए, पेच्छ सहए 'तिवली-तरंगयं' ।
कय-तिहुअण-विजए, लीह-तिअंपिव कामिण कडिअं ॥३७ ___ 'आ दीर्घनेत्रोवाळी सुंदरीनी तरंगो जेवी त्रिवली एवी शोभे छे, जाणे के त्रिभुवन उपर विजय मेळव्या पछी कामदेवे त्रण रेखाओ न दोरी होय !'
नोंध :- आ प्रमाणे जेनां एकी चरणोमां दस मात्राओ छे तेवा सात पेटाप्रकारोनां उदाहरणो थयां ।
हवे जेनां एकी चरणोमां अगियार मात्रा छे तेवा पेटाप्रकारोनां उदाहरण : अरविंदक
- जेनां एकी चरणोमां अगियार मात्रा छे अने बेकी चरणोमां बार मात्रा छे तेवा अरविंदक छंद- उदाहरण
प्रिअहि मुहु 'अरविंदु', चल-नयण-इंदिदिरु। दंत-कंति-केसरु, लच्छि-विलास-मंदिरु ॥ ३८
___ 'जेमां चंचळ नयनरूपी भ्रमर छे अने दांतनी कांतिरूपी केसर छे, तेवू प्रियतमानु मुखारविन्द सुंदरताना विलासभवन जेवू छे ।' विभ्रमविलसितवदन
जेनां एकी चरणोमां अगियार मात्रा छे अने बेकी चरणोमां तेर मात्रा छे ते विभ्रमविलसितवदन छंद- उदाहरण :
कुइ धन्नु जुआणउ, विअसिअ-दीहर-नयणिए । माणिज्जइ तरुणिए, 'विब्भम-विलसिअ'-वयणिए ॥ ३९
'जेनां दीर्घ नयनो विकसेलां छे अने जेना वदन उपर विभ्रमनो विलास छे तेवी तरुणीने कोईक धन्य युवान ज भोगवे ।' नवपुष्पंधय
जेनां एकी चरणोमां अगियार मात्रा छे अने बेकी चरणोमां चौद मात्रा छे ते नवपुष्पंधय छंदनुं उदाहरण :
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org