________________
[ 86 ]
तारावलि भणि मा, भणि 'मुत्ताहल-माला' ।
रइ - कलहिण त्रुट्टी, ससि - रयणिहिं सुविसाला ॥ ३२
'एने तारावलि न कहे पण मोटा मोतीनी माळा कहे, जे चंद्र अने रजनी वच्चे थयेला प्रेमकलहमां तूटी पडी छे ।'
कोकिलावलि
जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां तेर मात्रा छे ते कोकिलावलि छंदनुं उदाहरण :
'कोइलावलि' - कए, संगीअइ नच्चावउ ।
नव-लय- विलयाओ, मलयानिलु नट्टावउ ॥ ३३
'जेमां कोयलो, संगीत आपे छे तेवा आ उत्सवमां नर्तनाचार्य मलयपवन विकसेली लतारूपी रमणीओने नृत्य करावो ।'
मधुकरवृंद
जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां चौद मात्रा छे ते मधुकरवृंद छंदनुं उदाहरण :
फुल्लिअ-लय निअवि, 'महुअर-वंद्विण' गीउ तह । पयमवि पहिअ न दिंति जह ॥ ३४
बाहोल्लय- नयण,
'विकसेली लताने जोईने भ्रमरगणोए एवो गीतगुंजारव कर्यो, जेथी जेमनां नेत्रो आसुंभीनां थयां छे तेवा पथिको एक डगलुं पण दई न शक्या ।' केतकीकुसुम
. जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां पंदर मात्रा छे ते केतकीकुसुम छंदनुं उदाहरण :
बिंबालिउ भुवणु, नव - 'केअइ-कुसुम - 'पराईण |
नं अहिवासिअउं, मयरद्धय - कम्मण जोड़ण ॥ ३५
'समग्र भुवन उपर विकसेलां केतकीकुसुमनो पराग एवो फेलाई गयो छे जाणे के तेना उपर कामदेवनुं कामण छवाई गयुं होय ।'
नवविद्युन्माला
जेन की चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां सोळ मात्रा छे ते नवविद्युन्माला छंदनुं उदाहरण :
ओ चलवलंतिआ, विप्फुरेइ 'नव-विज्जुं - मालिआ ' । जिहिअ-व्व दीहर - करालिआ ॥ ३६
मेह-रक्खसस्स,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org