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छंद चर्चा ।
संधि
कडवक
छंद
छंद के लक्षण
अपवाद
३.६७.६:१०.४२१.१:२२.९,२३.६ ये सब पंक्तियाँ पादाकुलक की हैं।
१० से १२ पज्झटिका १४ से २३)
यह एक मात्रावृत्त है। इसके प्रत्येक पाद । में १६ मात्राएं हैं जो चार चतुर्मात्रागगों द्वारा व्यक्त की गई हैं। अंतिम गण सर्वत्र जगण द्वारा व्यक्त हुआ है-
. ४+४+४+ +U
९ तथा
अलिल्लह
यह एक मात्रावृत्त है। इसके प्रत्येक पाद में । ९.५ पंक्ति पादाकुल को तथा १३.९ पंक्ति १६ मात्राएं हैं जो एक षण्मात्रा गण, दो पज्झटिका की है। चर्तुमात्रागण तथा दो लघु से व्यक्त की गई हैं। चर्तुमात्रागणों में से जगण कोई नहीं हैं।
२
१ तथा ।
१४
पादाकुलक
यह एक मात्रावृत्त है इसके प्रत्येक पाद में १६ मात्राएं है । इनकी कोई गणव्यवस्था नहीं है। ये १६ सब की सब लघु या गुरु द्वारा व्यक्त की जा सकती हैं।
२ से ९
|११,१५,
पज्झटिका
ऊपर देखिए
२.४%, ४.१ ये पक्तियां पादाकुलक की हैं।
१०,१२ तथा १३
| अलिल्लह
ऊपर देखिए
१०.१, १२.१, १४.३ ये पंक्तियां पादा
३१ से ७
९, १० १३से१५
पज्झटिका
ऊपर देखिए
४.३, ६.१; ७.६; ९.१०; १३.१; १४.२, ५, १४.४, १० ये पंक्तियाँ पादा
८, ११ | अलिल्लह
ऊपर देखिए
८.५, ८, ९, ये पंक्तियां पादाकुलक हैं।
| पादाकुलक
ऊपर देखिए
अलिल्लह
प्रथम तीन पंक्तियां पज्झटिका की हैं। इस कडवक में चार पक्तियां पादाकुलक हैं। कडवक में कुल आठ पंक्तियां ही हैं ।
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