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८२
संधि
8
४
५
६
कडवक
१ से ४
६ से ८
१० से १२
५
९
१, ५, ७
२, ३, ६
८ से ११
४
१२
२ से ८ १ १० से ११ तथा १४
१३ तथा १५ से १८
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छंद
पज्झटिका
मधुभार
अलिल्लह
अलिल्लह
पज्झटिका
पादाकुलक
पज्झटिका
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अलिल्लाह
पादाकुलक ऊपर देखिए
सोमराजी
ऊपर देखिए
यह एक मात्रावृत्त है । इसके प्रत्येक पाद में ८ मात्राएं हैं। ये मात्राएं दो चतुर्मात्रागणों द्वारा व्यक्त हुई हैं । इनमें से अंतिम गण एक जगण द्वारा व्यक्त हुआ है-४+
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प्रस्तावना
छंद के लक्षण
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यह एक वर्णवृत्त है । इसका दूसरा नाम संखणारी है । इसके प्रत्येक पाद में दो यगण (U--U-- ) हैं तथा दो दो पाद मकांत हैं ।
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अपवाद
४.८; २.२; ३.७; ८.५; १०.२ ये पंक्तियां पादाकुलक हैं ।
५.२, ४, ७.१, ४, ५, ये पंक्तियां पादाकुलक छंद की है।
३.६; ६.६, ७, ८; ८.१; ९.७ ये पंक्तियां पादाकुलक की हैं ।
१२ वीं पंक्ति पादाकुलक है ।
४.६; १०.९; १४.९ ये पंक्तियां पादाकुलक हैं।
१३.५; १५.५; १६.४; १७.५, ९, १०; १८.१० ये पंक्तियाँ पादाकुलक हैं।
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