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शब्दावलि
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चूकना
" ढीला
(३) चुक्क (१. १. ७; १. ११. ८) (४) छिंक (१७. ६. ३)
, छींकना (५) झंप (१.१४. १३)
, झंपना, या (ढांकना) (६) टल (१२. १२. ८)
टलना (या हलना) (७) डोल्ल (१५. ५. १०)
डोलना (८) डर (१२. १२. १९)
डरना (९) ढिल्ल (३.११. ३) (१०) णवजुवाणु (१. १२. १; २. ५. २) , नौजवान (११) थोडो (१.१६.८) थोडो (बुंदेलखंडी में) थोड़ा (साहित्यिक हिन्दी में) (१२) दाढ (१४. १७. १२) दाढ (या डाढ) (१३) पणिहारि (६. ७. ७) पनिहारि (१४) पत्तल (५. २. ३) पतला (मररणी-पातड) (१५) पल्लट्ट (४. १. ११) पलटना (१६) पारिखिय (६. ७.९)
हिन्दी में पारखी (१७) पोथा (६. ६. ८)
, पोथा, पोथी (१८) भल्लिम (३. ५. ७; १०. २. ७) भलाई (१९) भिड (११. १२.३)
भिडना (२०) बुन्झ ( २. १५. १, १३. २०. ९) बुझाना (या समझाना) (२१) बुडु (६.११.१०)
बूडना ( या डूबना) (२२) बोल्ल ( ३. १३.२)
बोलना (२३) रेल (८. १९. ७)
, रेला (समूह) (२४) लुक्क (१४. ६. १२)
लुकना (२५) सत्तर (१८. ७. २, १८. ७. ७) सत्तर (७०) (२६) सत्रह (१४. ३०. १०)
सत्रह (१७) (२७) सुसर ( ९. ८. ३; ९. ८. ११) , सुसर ( श्वसुर) (२८) सूरवीर (१.१६. ४) (२९) हल्लोलि (११. १०.१)
, होहल्ला (३०) हल्ल (९. १३. ८; १४. १२. १०) , हलना
इन शब्दों के अतिरिक्त पा. च. में कुछ वाक्यांश या अभिव्यक्तियां ऐसी भी हैं जो हिन्दी के समान ही हैं यथा(१) बोल्लणहं लग्ग (१. १२. ५) हिन्दी में बोलने लगा (२) कहणहं लग्ग (६. १५. ७)
, कहने लगा । (३) बड्ढ हासउ होइ जणे (१०. १. १३)-हिन्दी में कुरव्याति के लिये 'हंसी होना' इस मुहावरे का उपयोग
किया जाता है । उसी का प्राग् रूप पा. च. के इन शब्दों में है।
. सूरवीर
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