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________________ पच्चय ] धूली - त स ( = धूल ) ११.२.८; ११.२.१४ V धोव - धाव ( = धोना) वर्त० कृ० धोवंत० १४.१६.५ धोरण पंकि) 8.13.६ प पइज्ज - प्रतिज्ञा १.१२.६; १०.१.७, १३.१६.११ Vपइस+विश् ado तं० प्र० ए० पईसमि १३.१७.१० नं० तृ० ए० पईसह १४.३.१२ वर्त० वर्त० तृ० ब० पईसहि २.५.१० ० कृ० पइसंत १७.१०.१ वर्त भू० कृ० पइसवि ५.८.५८.१५.२ V पसर - ( इसके प्रेरणार्थक रूप वइसारसे निकली चातु) पू० कृ० पइसरेवि ३.१४.४ पईव प्रतीष (प्र.२.१ पई – प्रदीप १३.३.६; १६.१६.४ पत्र+बुज भू० कृ० पइट्ठ १.२०.३,७.८.७;१३.२.२ -पविद्वय १.१३.१० आ० द्वि० ए० पउंजि - ६. ६.८ भू० कृ० पउंजिय ५.३.१०,८.३.२ पउम - पद्म (१= नौवाँ चक्रवर्ती) १७.१६.६ (२= नौवाँ बलदेव) १७.२०.४ ( ३ प्रस्तुत ग्रंथका लेखक) ४.१२.१७ पउम - पद्म (कमल) १.५.५,१.२३.१० परमकितिकीर्ति (प्रस्तुत ग्रंथके लेखकका नाम) - ५.१२.१४ पउमणाल - पद्मनाल ६.११.६; १८.२२.५ पउमणाह - पद्मनाथ (एक योद्धाका नाम) ११.१२.३ परमप्पद-पद्मप्रभ (याँ तीर्थकर १०.१०.४ पठमा - पद्मा ( = लक्ष्मी ) ३.१६.१० Jain Education International पउमाणण-पद्मानन २.१६.१० परमावइ - पद्मावती (देवी) १४.२८.१० परमावतार - पद्म (राम) + अवतार २.३.४ पडर – प्रचुर १.५.६. पठरिस - पौरुष १०.३.२, १०.३.१०, ११.४.५ - पवरस ११०.६ - पोरिस १०.४.१; ११.३.४ पचलीमिली इन्द्राणी) ८.१५.२ पएस प्रदेश ३.६.६ २.१४.१६.१७.१ पोलियो (मार्ग) २.७.२ पभोहर - पयोधर (१.२.२ — « (=) 1.1.0 शब्दकोश पंकप्पह-पंकप्रभ (= चौथी नरक पृथिवी ) १६.४.३ पंकय - पंकज ८.४.१० पंख – पक्ष १४.६.१ पंगु त सपन पंगण - प्राङ्गण ८.५.६ पंगुरण-प्रावरण (वस्त्र) ८.१३.५६.१३.१४; १७.६.६ पंच-तस (पांच) २.१६.६ पंचग्ग- पंचा (प) १.१६.२१.२१.०,१२.१०.३ पंचत्त-पंच ४.३.२०.११.1 पंचथिकाय - पंचास्तिकाय १४.३.६ पंचपय - पंचपद (पांच वाला) ३.११.६ पंचम तल (पांचवाँ ) ३.५.३,४.८.५,६.५.६,१७.१६.५ -पंड (प) १४.१४.६ १२. १४.११ पंचमहव्यय- पंचमहात २.१.२ पंचवण्ण - पंचवर्णं ( = पंचरंगी = सजी धजी ) ३.५.१ ; १४, १०.८ पंचसट्टि - पंचषष्ठि १२.५.१२ पंचसर - पंचशर (कामदेव) ८.१.८ पंचाणडवड - (१) पंचनवति (= पंचानवे) ७.४.७ पंचाणण पंचानन ५.२.६६.१५.४८.१७.५.१३.३.८ पंचाल - पांचाल पंजाबका निवासी 11.8.11 पंचास - पंचाशत (पचास ) १२.१.६, १७.११.३ पंचिदिय-पंचेन्द्रिय 1.1,11. (बहुशः) पंचेगारह-पंच + एकादस ( सोलह ) ७.४.२ पंजर - त स (पिंजडा ) ३.१०.४; १३.१.४ पंडिय - पंडित १४.२१.१ - - पंडुसिल - पांडुशिला ८.१५.११ पंति पंक्ति (कतार) ६.२.८.१०.१२.२ पंति-पंडि] (सेनाकी एक टुकड़ी) १२.५.४ पंथ - पथिन् (= मार्ग) १.१.६,४.१०.६ पंथिय - पथिक ६.१२.१३,१०,१२.७ V पक्खाल - +चालय (= धोना ) भू० कृ० पक्खालिय ६.११.१२ पक्खिय - पाक्षिक (= पक्षपाती) १४.६.८ पगाम - प्रकाम (बहुत) ६.१४.४ - पगाव - प्रकाम ५.३.४; १०.१.६ पचंड - प्रचंड ६.१०.६ पच्चंत पर्यान्त (सीमान्त १.२.३ पच्चक्ख- प्रत्यक्ष २.८.४ ४.५.२,५.२.३; १८.४.१ पच्चक्खण – प्रत्याख्यान ( = नौवां पूर्वांग) ७.३.५ पच्चय - प्रत्यय ( = विश्वास) २.७.१, २.८.६ For Private & Personal Use Only [१५५ = www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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