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________________ १५४] ध * धगधग - ( अनुर= धगधग करना ) ८.५.१० वर्त० ० कृ० धगधगंत ११.११.६ -- धयधयंतु ६.१०.४ गक्ति - धग + क्तिन् (= धगधग करने वाला ) ६.१०.१ धण - धन १.५.२,१.१३.६ २.६.३, ३.७.७ धणगाढ - ( = धनी) १४.२१.३ धणड्डू -धनाढ्य २.६.७ धणय-चनद (कुबेर ३.१२.५५.१.१०८.३.३ धणु धनुराशि १२.०.० धणु – धनुष १७.११.११ घर र १२.११ *चणुहर (धनुष ) ११.९.५११.१०.११.११.१२.७.११. १२.८; ११.१२.१०;१२.१०.१४; १२.१०.१५; १७. ११.५. - घण्ण-- धन्य १.८.१०१.११.५८.१०.११ धण्णधान्य ६.१३.६. धय-ध्वजा रु.१४.७. - Vधमध्मा (आग में तपाना) वर्त० कृ० धमंत १४.५.७ धम्म धर्म १.१०.२. (:) धम्म - ( १ = तीसरा बलदेव) १७.२०.२ = (२ पंद्रह तीर्थंकर) १०.१०.० धम्म चक्क - धर्मचक्र १५, ८.१० धम्मण - ( = धामन-एक वृक्ष ) १४.२.२ धम्मवंत - धर्मवान् (४.१.२ धम्माहिकरण-धर्माधिकरण (एक पद) ६.६.१ V घर - ट ( = धारण करना; पकड़ना ) वर्त० प्र० ए० धरमि १३.११.१ वर्त० तृ० ए० धरइ १.१६.८; १२.१०.७ वर्त० - घरेइ ३.६.५; ३. ६.११,६.११.१० ० तृ० ब० धरति ३.७.४ कर्म० ० ० ए० वरिल १.४.१२ २.८.१०२. १२.७ आ० द्वि० ए० धरहि - ४.८.१० वि० द्वि० ए० धरिज्जहि ३.८.३,४.१.६ पार्श्वनाथचरित वर्त० कृ० धरंत ३.१.६ भू० कृ० धारिय ३.३.२ पू० कृ० धरेवि ८.१५.१ धरण त स ( = धारण करना) १.१.१० धरिणित ( पृथिवी ) ६.१०.१ = Jain Education International धरणिंद - धरणेन्द्र १२.४.५, १४.२४.५ धरणिधर - ( = किसी राजाका नाम ) १८.११.२ धरणिधर - ( = पर्वत) ६.७.१३ धरणिफल ? १०.५.४ धव - ( धौ = एक वृक्ष ) १४.२.२ धवल धवळ नामधातु वर्त - ० कृ० धवलंत १.२.८ भू० कृ० धवलिय १.३.६ धवल -- त स ( = शुभ्र) १.६.१ धवलंबर-वल + अम्बर (सफेद कपड़े पहननेवाला ) ६.७.२; ११.१२.१ धवलगृह (महल) २.७.२४.७.७६.१७.४ धाइ - धातकी (= एक वृक्ष) १४.२.६ धाइयखंड - धातकी खंड ( द्वीप) १६.१४.१ धाम धामन् (तेज १७५६.१.५.७.६.३१ धार - धारा ११.२.७ १४.२७.२ Vघाव-चा ( दौड़ना) वर्त० तृ० ब० धावई १४.२२.१२ - धावंति १०.६.१ वर्त० ० कृ० धावमाण १४.२०.४ भू० कृ० धाविय १.१८.५ — धाइय २.२.५ ४.२.११ */ बाहाव पाहासे बनी हुई धातु (वाह देकर शेना) भू० कृ० धाहाविय १.१७.८ धिइ - धृति (एक देवीका नाम ) ८.४.८ धीय - दुहितृ १८.१८.१० धीर - - ११.५.२; १४.२४.४ V धीर-धीर नाम चातु आ० द्वि० ए० धीरि ८.१०.१० ya-yer(err) 2.16. धुव-ध्रुव निश्चल V धुण-धू ( = हिलाना ) वर्त० ० कृ० धुणंत ७.१०.११ धुरंधरधूअ ( = सुगन्धि इग्य ) १.६.७ [ धगधग (वैशाली) १.१७.१२.१६.६.१.२.५ = -तस ५.६.३, ६.२.७,१०.१.५ For Private & Personal Use Only - धूव ३.१०.८ घूस (पूर्वी) . ६.१२,१४,१५.३ धूमकेड - धूमकेतु १४.१५.३ धूमप्पह- धूमप्रभा (पाँचवीं नरक पृथिवी) १५.४.३ 3 www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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