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१४०] पाश्वनाथचरित
[ छिंदणछिंदण-छेदन १८.४.२
जंभय-जम्भक ( = व्यंतर देवोंका एक भेद ) १४.१८.३ छिंद-(एक राजवंश ) (१) १.४..
जक्ख -यक्ष ५.१,५०, (बहुशः) छिज्ज-छेद्य (=चीरा) ८.२३.१
जक्खाहिव-यक्षाधिप (% कुबेर) ६.२.८८.४.४ छिण्ण-छिन्न (= छत विछत) ११.५.१६,१२.७.५
जग-जगत् १.१.१२,१.१२.८३.६.१७.६.३,१६.१७.६ छिद्द-छिद्र (= त्रुटि) १.४.२
जगगुरु-जगद्गुरु १.१.८ (= २ रंध्र) २.४.३
जगुत्तम-जग+ उत्तम १५.१०.६ . छुडु-(= यदि; हे. ४.३८५) १.२.६
जजरिय-जर्जरित ११.५.१७ कछुडुछुडु-(= क्रमेण) १४.१६.८
जट्ट–जर्त (= जाट-इस नामकी जाति ) ६.४.२ छुद्ध-क्षुब्ध (=दुखी) ४.३.६४.१२.४
जड-जटा ७.१३.७ छुरिय-क्षुरिका (=छुरी) १२.१५.८
जण-जन १.१.२ ( बहुशः) छुह-सुधा (= चूना) १.७..
-स्त्री. जणी ८.४.६ छुह-क्षुधा १.२१.६,३.१३.१२;७.६.३
Vजण-जनय (= जनना=उत्पन्न करना) छेय-छेद (= नाश) ४.५.६
वर्त० कृ० जणंत ८.११.४,११.५.. छेय- अन्त दे. ना. ३.३८) २.१६.६,१६.३.५;
भू० कृ० जणिय १.१२.८;६.१.४;११.१२.१;
१२.३.२ छेय-छेदन (=खंड खंद करना ) २.१२.३
जणण-जनक (= उत्पादक) ४.८.५ जणणि-जननी १.१५.४,२.६.१,५.४.५
जणवय-जनपद १४.२३.३ ज-यत् पु० ३.४.५,१४.६.१०१.२.२,१.२१.४,३.८.४%,
कजणु-इव-(हे. ४.४४४ ) ६.१०.७,६.१३.८ १.६.८१.११.४,३.१०.१,२.२.१२;३.६.१%
जणेर-जनयिता (=पिता) १०.२.६ १.२.३ १.४.८१.६.१,३.८.५,१३.१८.८१.५.२
जणेरि–जनयित्री (=जननी) ८.१०.१० जइ-यदि १.३.७१.८.२,१४.८.१०
जणोह-जन+ोध १३.१.५ जइयहु-यदा ( सर्वदा तइयहुके साथ प्रयुक्त) २.१४.१;
जण्णत्त-यज्ञ + यात्रा (= यज्ञ करने वाला) १०.५.३ १३.२०.११
जण्णु-जणु (= इव) १४.१४.१४ जउण-यवन १.६.४९.१०.७
जत्त-यात्रा १.११.२ जउण-यमुन (=एक वृक्ष) १४.२.७
जम-यम १.४.२;२.६.२,४.११.३८.१३.३ जउणा-यमुना (नदी) ६.६.२
जमदूअ-यमदूत १.१६.५ जंगम-त स २.१२.७
-जमदूव ११.११.१२ जंघ-जंघा ३.२.८ Vजंप-जल्प
जमि तमि-यथा तथा ३.१०.१७ वर्त० तृ० ए० जंपइ १.१२.३;२.६.१,१४.६.१
जम्म-जन्म १.५.७१.८.४,३.७.७' वर्त० द्वि० ए० पहि १.१५.३
जम्म-(१) ७.६.११ वर्त० कृ० जपंत २.१३.५
Vजम्म-जन् (= उत्पन्न होना) जपमाण ५.१२.१
वर्त० तृ० ब० जम्मति ३.८.७ भू० कृ० जंपिउ ८.१२.७,१७.२.४
व० कृ० जम्मंत ७.१२.६ जंपण-जल्पाक (=वृथा बोलनेवाला) १.४.१२
जम्मंतर-जन्मान्तर २.८.६ कंजंपण-(अपकीर्ति ३.५१ ) ५.६.८
जम्मण-जन्मन् २.१४.१२ जंपि तंपि-यथा तथा ( = जैसे तैसे ) १.२.७,३.१५.११
जम्मुच्छव-जन्मोत्सव ८.१२.१३ जंबीर-जम्भीरि ( =नीबू)१४.२.४
जम्मुप्पत्ति-जन्म+ उत्पत्ति ८.१२.४ जंबू-त स जम्बू (द्वीप) ४.४.१,५.१.२;६.१.३;८.३.५; जय-त स (= विजय) ११.५.३ १६.१०.५
जयकार-त स (=जय ध्वनि ४.११.११.८.१ जंबू-त स जंबू ( वृक्ष) (=जामुनका पेड़) १४.२..
जयवंत-जयवान् १०.१४.२,१२.४.१
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