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________________ गुडिय] शब्दकोश [१३५ गयंद-गजेन्द्र १.२२.६ वर्त० तृ० ए० गाइ ८.५.५ (२=गजेन्द्रास्त्र) १२.६.८ वर्त० कृ. स्त्री० गायंति १.५.४ गयगोउर-गतगोपुर ( = जिसने इन्द्रियोंके समूहका दमन कर्मवत कृ० गिज्जंत ९.५.८ किया है) १५.१.६ गाउ-गव्यूति (= कोस) १६.१७.३ गयण-गगन १.७.१० गाढ -गाढ़ (= भरापूरा) १.३.५ गयणंगण-गगन+अंगन २.२.२ गाम-ग्राम १.२१.४, ३.६.६ गयणद्ध-गगना, १.७.४ गमि-गामिन् (=गमन करने वाला) १२.३.३ गयणयल-गगनतल गामिय-गामिन् (= १.१.१; ७.८.१ गयवर-गजवर १.३.११.१८.८ ( बहुशः) गारय-कारक ८.११.१ गयसुर-गजासुर १२.१०.३ गारव-गौरव (=अहंकार) ३.२.१०७.१२.११ गयाहिय-गज + अधिप १.२३.८४.१.. गारुड-त स (=गरुडास्त्र) १२.६.७ Vगरह-गह (=निन्दा करना) गारुडिय-गारुडिक;(=सर्पको पकड़ने वाली एक जाति) १३.१.४ भू० कृ० गरहिय १.१५.१० गालण-गालन (=पिघलवाना) २.१२.३ गरिट्ठ-गरिष्ठ (= अतिगुरु) १.२१.६ गाव-गर्व १.१२.२ गरु-गुरु (=बड़ा; भारी) २.५.६ गाह-ग्राह (प्रेम) ३.१३.७,१३.१८.१ गरम-गुरुक (=बड़ा; भारी ) ५.१२.१४,६.६.५,१२.२.१%; गाह-ग्राह ( मगर) ५.१२.६:१४.१६.६ १३.११.४ गाट-गाह (= गंभीर) ८.२.३ गरुड-त. स. २.१२.५,२.१४.६३.१४.८४.३.१५.३.८ गिंभ-ग्रीष्म ४.१०.६ -गरुण ११.११.१४ गिंभयाल-ग्रीष्मकाल ६.१०.३;६.११.११४.१६." गरुव-गुरुक (हे. १.१०.६) २.१२.८,३.१४.२,३.१४.७ Vगिण्ह-गृह (= ग्रहण करना) ४.११.६,५.२.४ वर्ततृ०ए० गिण्हइ १.१५.८ गल-त स (=गला) ५.१२.५,७.१३.८ वर्तकृ० गिण्हत २.१.. Vगल-=समाप्त हो जाना) पू० कृ० गिण्हेविणु ८.२१.१० वत तृ० ए० गलइ २.१५.८ गिरि-त स (पर्वत) १.७.६१.२१.३ भू० कृ० गलिय ६.४.१३,१३.८.११,१४.१०.२ गिरिउ-(= एक खेलका खिलाड़ी जो अन्य खिलाड़ियोंके दौड़ने गलगन्ज–गल + गज (=भीषण गर्जना करना; गलगलाना) पर उन्हें छूनेका प्रयत्न करता है) ६.१६.१३ ___वर्त० तृ० ए० गलगजेइ १२.११.२ गिरिणइ-गिरिनदी ५.५.५ गवक्ख-गवाक्ष (= वातायन) १.७.२ Vगिल-गृ (=निगलना) /गवीस-गवेषय (=खोजना) वर्त० तृ० ब० गिलंति ३.१४.१०.१०.१०.५ वर्त० तृ० ए. गवोसइ १४.२.१२ वर्त० कृ० स्त्री गिलंति १२.११.४ गव्व-गर्व १२.६.१५ भू० कृ० गिलिय ४.११.४,१८.१५.१० गह-ग्रह १.४.६२.८.४८.५.६८.११.१,१३.७.३,१६.७.७ गिलाण-ग्लान (=रोगी) ४.१.८७.६.३ /गह-ग्रह (= ग्रहण करना) गिव्वाण-गीर्वाण (= देव) ८.... भू० कृ० गहिय २.१२.८४.१०.२;६.१४.६ गिह-ग्रह (= मंगल, बुध आदि) ८.११.२ पू० कृ० गहीऊण ११.१.२२ गिहवासि-गृहवासी ३.१३.४ गहण-ग्रहण ४.६.५:१०.३.८,१४.२४.. गोढ-(= व्याप्त;असित) १.१६.५,१.२२.५,३०.८.८५.११.६ गहमंडल-ग्रहमंडल (= ग्रहोंका समूह) ८.१५.८ गुज-गुंजाफल १०.५.. गहवियार-प्रहविचारक (= ज्योतिषी) ६.६.. गुज्जर-गुर्जर (वंश) ६.४.५,११.८.१४ गहिर-गभीर ३.१४.२,६.४.४,१४.४.३ गुज्झ-गुह्य (= रहस्य) १.२०.६;१.२०.६१३.३.५; गाभ-गो (= गवय)..... गडिय-गुडित (युद्धके लिए सज्जित, प्रायः हाथीके सम्बन्धमें /गा/ गाय-गै गाय (=गाना) प्रयुक्त ) १.१५.४११.२.२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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